मुम्बई: 66 साल के श्रवण राठौड़ की कोरोना से हुई मौत से बॉलीवुड में शोक की लहर है. कोरोना के इलाज के लिए मुम्बई के एस. एल. रहेजा अस्पताल में भर्ती हुए दिवंगत श्रवण राठौड़ की गुरुवार को हार्ट अटैक और मल्टिपल ऑर्गन फेल्योर से मौत से हुई थी. ये खबर श्रवण के बड़े बेटे संजीव राठौड़ ने एबीपी न्यूज़ को रोते हुए बताई थी. मगर किसी को इस बात का अंदाजा नहीं था कि श्रवण हाल ही हरिद्वार में कुंभ मेले में शामिल होने गये थे और वहां से मुम्बई लौटने के बाद ही उनकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी और उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया था.


एबीपी न्यूज़ को मिली इस जानकारी की पुष्टि खुद श्रवण के बड़े बेटे संजीव ने की. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से कहा, "हां ये बात सच है कि मेरे पापा हरिद्वार में कुंभ मेले में दर्शन करने गये थे." उल्लेखनीय है कि श्रवण राठौड़ की पत्नी विमलादेवी राठौड़ भी कुंभ मेले में उनके साथ गईं और लौटी थीं.


संजीव ने एबीपी न्यूज़ को आगे  बताया, "हरिद्वार से लौटने के बाद मेरे पापा को सांस लेने में काफी दिक्कत आ रही थी और उन्हें काफी कमजोरी भी महसूस हो रही थी. ऐसे में हमने उन्हें मुम्बई के एस. एल. रहेजा अस्पताल में दाखिल कराया था. यहां भर्ती कराने के बाद उन्हें कोरोना होने और उनके शरीर के कई अंगों के काम नहीं करने का पता चला था. आखिरकार इन्हीं सभी बीमारियों के चलते उनकी मौत हुई."


संजीव ने एबीपी न्यूज़ को यह जानकारी भी दी कि कोरोना के इलाज के लिए अपने पिता को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद वे खुद और उनकी मां विमला देवी राठौड़ भी कोरोना की चपेट में आ गये थे. संजीव कहते हैं, "पापा का रिजल्ट कोरोना पॉजिटिव आया तो डॉक्टरों ने मुझे, मेरे भाई और मेरी मां को भी कोरोना का टेस्ट कराने के लिए कहा था. भाई संजीव का रिजल्ट तो नेगेटिव आया, मगर मैं और मेरी मां कोरोना पॉजिटिव निकले."


इस वक्त श्रवण के बड़े बेटे और पत्नी का इलाज मुम्बई के अंधेरी स्थित सेवन हिल्स अस्पताल में चल रहा है जबकि छोटे बेटे दर्शन घर पर आइसोलेशन में हैं.


संजीव ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "होम आइसोलेशन को लेकर बिल्डिंग की सोसायटी ने भी सख्त नियम बना रखे हैं लेकिन पिता की मौत के बाद सोसायटी से गुजारिश की गई कि वे थोड़ी सी रियायत बरतते हुए दर्शन को अस्पताल की तमाम फॉर्मैलिटीज को पूरा करने के लिए उसे जाने दें."


संजीव ने पिता श्रवण के इलाज में खर्च हुए 10 लाख रुपये की कथित रकम चुकाये बगैर अस्पताल द्वारा पिता की लाश को नहीं सौंपे जाने‌ की खबर का भी खंडन किया. इस मसले पर संजीव ने कहा, "रात को मौत होने की वजह पापा की इश्योरेंस कंपनी और अस्पताल के प्रबंधन के बीच ठीक से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है. ऐसे में एक बार दोनों में बातचीत होने के बाद यह मसला सुलझा जाएगा और इसमें कोई दिक्कत नहीं पेश आएगी."


संजीव ने एबीपी न्यूज़ से यह भी कहा, "अभी तक इलाज की पूरी रकम का ब्यौरा नहीं दिया गया है और उन्हें तीन दिन पहले तक किये गये इलाज के मुताबिक, अब तक 7 लाख रुपये का बिल ही दिया गया है. फाइनल बिल आते ही और इंश्योरेंस कंपनी में बात होते ही इस तरह की खबरों पर भी विराम लग जाएगा."