रामायण और एफआईआर जैसे टीवी ,सीरियल में काम कर चुकी एक्ट्रेस माहिका शर्मा ने महिला दिवस पर एक बार फिर अपनी जिंदगी के संघर्षों के बारे में खुलकर बात की है. माहिका शर्मा  ने बताया कि, मुझे अभी भी वो वक्त याद है,जब मेरी मां ने मुझसे सारे संबंध तोड़ लिए थे और मैं घर वापस नहीं जाना चाहती थी लेकिन यहां मुंबई में रहने के लिए मुझे पैसे और घर की ज़रूरत थी. उस वक्त गुजारे के लिए  मैंने दाई का काम करना शुरू कर दिया था. मैंने अपने माता-पिता के दूर रहने के दौरान बच्चों के साथ खेलने या उनकी देखभाल करने में समय बिताया.


मुझे गर्व है कि मैनें खुद के लिए स्टैंड लिया


माहिका शर्मा ने कहा कि, एक महिला होने के नाते मुझे गर्व महसूस होता है कि मैंने खुद के लिए एक स्टैंड लिया, मैं उस समाज को चुनौती देने का विकल्प चुनती हूं जो मेरे खिलाफ था क्योंकि मैं फिल्म इंडस्ट्री में काम कर रही थी. ये मेरा जीवन था, क्यों एक महिला को गलत नहीं होने पर भी सीमाओं का सामना करना पड़ता है. मैं हमेशा से उड़ना चाहती थी और आज मैं स्वतंत्र हूं. और मुझे खुद पर गर्व है.


समाज कैसे किसी को भी बिना सबूत के अपराधी बना सकता है


माहिका शर्मा ने आगे कहा कि, हमारे देश में  महिलाओं को आसानी से निशाना बनाया लिया जाता है. समाज महिला सुरक्षा और सभी प्रकार की चीजों के बारे में बात करता है लेकिन जब जरूरत होती है तो वो महिला का साथ कभी नहीं देता. सुशांत सिंह राजपूत के मामले में  मैं सच नहीं जानती. लेकिन ये सोच कर मुझे बुरा लगता है कि कैसे समाज ने रिया चक्रवर्ती की छवि खराब कर दी है. एक महिला होने के नाते उसे बिना किसी सबूत के, सभी ने अपराधी बना दिया है. मुझे वाकई बहुत दुख हुआ. और क्षमा करें. लेकिन अब ये सही वक्त है कि एक महिला को दूसरी महिला के लिए एक स्टैंड लेने की जरूरत है.


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