शो मैन राज कपूर (Raj Kapoor) का नाम हिंदी सिनेमा में हमेशा के लिए अमर है. उन्होंने 'श्री 420', 'संगम', 'आवारा' और 'चोरी-चोरी' जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. राज कपूर (Raj Kapoor) ना सिर्फ एक शानदार एक्टर थे बल्कि वो एक बेहतरीन डायरेक्टर भी रहे. दर्शकों के साथ-साथ खुद राज कपूर भी अपने आप को अच्छा डायरेक्टर मानते थे. बात है साल 1967 की जब एक्टर मनोज कुमार (Manoj Kumar) फिल्म 'उपकार' बना रहे थे, इस फिल्म की कहानी मनोज कुमार ने ही लिखी थी.


 






दरअसल, 1965 में हिंदुस्तान-पाकिस्तान की लड़ाई के बाद एक बार मनोज कुमार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री से मिले, उन्होंने मनोज कुमार से कहा कि मैंने जो नारा दिया है 'जय जवान जय किसान', अगर इसे ध्यान में रख कर तुम कोई फिल्म बना सको. मनोज कुमार के दिल में ये बात बैठ गई उन्होंने सोच लिया कि जैसे ही मौका मिलेगा इस पर फिल्म जरूर बनाउंगा. शास्त्री जी से प्रेरित होकर मनोज कुमार ने फिल्म की कहानी लिख डाली. जब उन्होंने फिल्म 'उपकार' की अनाउंसमेंट की तब राज कपूर ने उनसे कहा कि 'या तो फिल्म में एक्टिंग कर लो या भी इसे डायरेक्ट कर लो, क्योंकि हर कोई राज कपूर नहीं होता जो दोनों काम सक्सेसफुली कर ले'. 






मनोज कुमार को खुद पर यकीन था, उन्होंने फिल्म 'उपकार' में एक्टिंग भी की और इसे डायरेक्ट भी किया. फिल्म को भारी सफलता मिली. इतना ही नहीं इस फिल्म के बाद उन्होंने 'पूरब और पश्चिम', 'क्रांति', 'रोटी कपड़ा और मकान' और 'शोर' जैसी फिल्में भी बनाई जिनमें उन्होंने बतौर एक्टर भी काम किया और डायरेक्टर भी. मनोज कुमार की मेहनत ने राज कपूर को ग़लत साबित कर दिया कि उनके अलावा दोनों काम कोई और नहीं कर सकता.






इतना ही नहीं मनोज कुमार की इन फिल्मों को देखने के बाद खुद राज कपूर ने भी उनसे कह दिया कि 'आज तक मैं अपने आप से ही कॉम्पटीशन कर रहा था लेकिन आज मुझे मुकाबला करने के लिए कोई और भी मिल गया है'.आपको बता दें कि मनोज कुमार की फिल्म 'उपकार' को 6 फिल्मफेयर और 3 नेशनल अवॉर्ड से नवाज़ा गया था. इस फिल्म में मनोज़ कुमार के अलावा प्राण और आशा पारेख ने भी बड़ी खूबसूरती से अपने किरदार निभाए.


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