Lata Mangeshkar Songs: किस्सा है 1948–49 का जब गानों की रिकॉर्डिंग के लिए अलग से स्टूडियो की व्यवस्था नहीं हुआ करती थी. महज 19-20 साल की लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) उस समय बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो में महल फिल्म का गाना आएगा आने वाला गाना रिकॉर्ड कर रही थीं. ठीक इसी जगह नरगिस (Nargis) और जद्दनबाई (Jaddanbai) अपनी फिल्म लाहौर की शूटिंग कर रही थीं. जब लता ने अपनी सुरीली आवाज में गाना गाना शुरू किया तो जद्दनबाई लाइनों में डूब गईं. रिकॉर्डिंग रुकते ही उन्होंने लता को पास बुलाते हुए कहा, इधर आओ बेटा, क्या नाम है तुम्हारा. 


लता ने धीमी आवाज में कहा, जी लता. जद्दनबाई ने कहा,  माशाअल्लाह, क्या 'बगैर' कहा है, दीपक बगैर कैसे परवाने जल रहे हैं. बगैर सुनकर तबीयत खुश हो गई. ऐसा तलफ्फुज हर किसी के गले से नहीं निकलता, तुम बेशक एक दिन बहुत नाम करोगी. उस जमाने में जद्दनबाई की कही बात वाकई सच हो गई. इस गाने से लता को इंडस्ट्री में खूब पहचान मिली और उनकी गिनती हमेशा से ही सबसे बेहतरीन गायिकाओं में हुई.




आपको बता दें कि स्वरकोकिला लता जी का इसी साल 6 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. वह 92 साल की थीं. उन्होंने अपने सिंगिंग करियर में तकरीबन 12 भाषाओं में 50,000 से ज्यादा गाने गाए थे. उन्हें पद्मभूषण समेत कई बड़े सम्मानों से नवाजा गया था.




उन्होंने 8 दशकों तक सिंगिंग का सफर जारी रखा था. वह 13 साल की उम्र से गायिकी में उतर चुकी थीं. लता जी ने हिंदी सिनेमा के कई यादगार गानों को अपनी आवाज दी और उन्हें अमर कर दिया.  


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