बीते साल इंडस्ट्री ने एक दिग्गज अभिनेता खो दिया वो थे इरफान खान(Irrfan Khan). इरफान ने अपनी जिंदगी में केवल क्वालिटी कंटेंट ही लोगों को दिया. तभी तो आज भी वो लोगों के दिलों में बसते हैं. जितना प्यार इंडस्ट्री से उन्हें मिला उन्होंने भी इंडस्ट्री को उतना ही लौटाया. लेकिन फिर भी फिल्म इंडस्ट्री की एक चीज को वो बदलना चाहते थे और वो उसे बिल्कुल पसंद नहीं करते थे. चलिए बताते हैं क्या थी वो एक चीज.


इंडस्ट्री से जुड़ी जिस चीज को इरफान खान पसंद नहीं करते थे वो था इसका नाम यानी बॉलीवुड. जी हां... इंडस्ट्री को बॉलीवुड कहने से इरफान चिढ़ते थे और वो चाहते थे कि इसे बॉलीवुड कहना बंद किया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें लगता था कि ये नाम वाकई व्यक्ति को पीछे ले जाने वाला है न कि आगे बढ़ाने वाला. उन्होंने ये बात खुद एक इंटरव्यू में कही थी.



 


अंग्रेजी मीडिम थी आखिरी फिल्म


इरफान खान की आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी, जो बीते साल मार्च में रिलीज हुई. जाते जाते भी इस फिल्म से वो लोगों को खूब हंसाकर गए. इस फिल्म में उनके साथ उनकी बेटी के रोल में राधिका मदान नजर आई थीं. 1988 में उन्होंने सलाम बॉम्बे से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सराहा गया 2003 में रिलीज हासिल फिल्म से.


इस फिल्म ने इरफान के करियर को नई उड़ान दी. जिसके बलबूते आखिर तक ऊंचाईयों पर ही उड़ते रहे. अंग्रेजी मीडियम की रिलीज होने के डेढ़ महीने बाद ही उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में एडमिट करना पड़ा. आखिरकार 29 अप्रैल को उन्होंने आखिरी सांस ली और हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए. हालांकि उनके निधन के एक साल बाद भी उन्हें पूरी शिद्दत से याद किया जाता है और वो हमारी यादों में आज भी जिंदा हैं.


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