Dev Anand Kalpana Kartik:  वो दौर था, जब भारत आजादी के मुहाने पर खड़ा था. फिल्म इंडस्ट्री भी करवट ले रही थी. उन दिनों की सबसे बड़ी एक्ट्रेस हुआ करती थीं सुरैया. शूटिंग चल रही थी फिल्म विद्या की और सुरैया के अपोजिट थे नए-नए एक्टर बने देव आनंद. सुरैया उनसे बड़ी स्टार थीं.एक दिन सेट पर एक हादसा हुआ, हादसे में सुरैया को बचाया देव आनंद ने. दोनों की दोस्ती शुरू हुई.

 

सेट पर दोनों खूब बतियाते थे. दोस्ती, प्यार में बदल चुकी थी. सुरैया मुस्लिम थी और देव हिंदू. सुरैया की नानी को ये रिश्ता मंजूर नहीं था. दोनों ने खूब संघर्ष किया लेकिन बात नहीं बन सकी. आखिरकार 2-3 साल में सुरैया-देव का रिश्ता खत्म हो गया.



 

देव उदास रहने लगे. 1952-53 में चेतन आनंद ने एक फिल्म शुरू की. हीरो देव आनंद ही थे, हीरोइन नई थी. नाम था मोना कार्तिक. चेतन ने उन्हें नया नाम दिया कल्पना कार्तिक. कल्पना को सेट पर देखते ही देव अपना दिल दे बैठे. तब तक देव भी बड़े स्टार हो चुके थे, लड़कियों में उनका क्रेज काफी बढ़ चुका था. कल्पना भी देव से प्रेम करने लगीं और दोनों में अफेयर शुरू हो गया. दोनों साथ समय गुजारने लगे. देव अपने पिछले रिश्ते के टूटने से काफी दुःखी थे और किसी भी कीमत पर कल्पना को खोना नहीं चाहते थे. दोनों में शादी को लेकर बात हुई. फिल्म टैक्सी ड्राइवर की शूटिंग चल ही रही थी.

 



एक दिन अचानक लंच ब्रेक के दौरान देव ने कल्पना से शादी की घोषणा कर दी और हाथोंहाथ ही लंच ब्रेक में ही शादी कर भी ली. देव और कल्पना के इस फैसले से हर कोई हैरान था और उस दौरान अखबार की सुर्खियों में देव-कल्पना की शादी के ही किस्से होते थे. शादी के तुरंत बाद ही देव ने कुछ ही देर में फिर शूटिंग शुरू भी कर दी. देव और कल्पना कार्तिक की ये शादी बॉलीवुड की सबसे यादगार शादियों में से एक है.