सुशांत सिंह राजपूत केस में सेंट्रल फोरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री (सीएफएसएल) ने सीबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंपी दी है. सीएफएसएल की रिपोर्ट में हत्या का कोई सीधा सबूत नहीं मिला है. सीएफएसएल ने सीन आफ क्राइम के री-कंस्ट्रक्शन के बाद सुशांत की मौत मामले को फुल हैंगिंग मानने से इन्कार कर दिया है. जांचकर्ताओं नें सुशांत की मौत को पार्शियल हैंगिंग माना है.


आसान भाषा में पार्शियल हैंगिंग यानि ये पूर्ण फांसी नहीं बल्कि अर्ध फांसी की स्थिति होती है. आत्महत्या के ज्यादातर मामलों में पार्शियल हैंगिंग पाई जाती है. सुशांत सिंह राजपूत को एम्बीडेक्सट्रस यानि बोथ हैण्ड यूजर तो कहा गया है लेकिन घर में रहने वालों के बयान के आधार पर उन्हें प्रेक्टिकली राइट हैण्डर माना गया है. राइट हैण्डर और गले पर पड़े लिगेचर मार्क की गांठ की स्थिति का भी रिपोर्ट में विश्लेषण किया गया है.


सुशांत के लिगेचर मार्क पर जहां फंदे की गांठ है वो राईट हैण्डर द्बवारा बांधा जा सकता है. Selection of hanging material and its analysis रिपोर्ट भी सीएफएसएल नें अपनी रिपोर्ट में शामिल की है. इसमें कहा गया है कि मौके पर बरामद कपड़ा ही सुशांत की फांसी वाला कपड़ा ही था.


इस्तेमाल हुए कपड़े की जांच की रिपोर्ट
Probability and Proximity of cloth selection की रिपोर्ट भी सीएफएसएल रिपोर्ट का हिस्सा है. जिसमें बताया गया है कि इस कपड़े की जानकारी किस-किस को थी और सुशांत के इसे खुद चुनने की कितनी संभावनाएं थीं. सीएफएसएल की जांच में फांसी में लगाए बल का सटीक परमाणु स्थान का ज़िक्र भी है. इसके साथ ही रिपोर्ट में इसमें कितने लोगों का बल लगा है, उसका भी जिक्र है. इसमें कितने वक्त तक बल लगाया गया, रिपोर्ट में इसका भी जिक्र है.


सीबीआई को सौंपा डिटेल्ड आब्ज़र्वेशन 


सीएफएसएल कि रिपोर्ट में एरिया ऑफ अप्लाइड फोर्स का जिक्र है. फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन की एनालिसिस भी सीएफएसएल ने सीबीआई टीम को दी है. इन तथ्यों की डिटेल्ड आब्ज़र्वेशन भी सीबीआई को दी जाने वाली रिपोर्ट में रखी जा रही है.


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