Sooraj Barjatya Latest Interview: अपनी पारिवारिक फिल्मों के लिए जाने जाने वाले फेमस फिल्म मेकर सूरज बड़जात्या (Sooraj Barjatya) ने सात साल बाद फिल्म ‘उंचाई’ (Uunchai) के साथ वापसी की है. सूरज की ये फिल्म चार दोस्तों की कहानी पर आधारित है. वहीं अपने हालिया इंटरव्यू में सूरज ने इस बात खुलासा किया कि किस चीज ने उन्हें फिल्में बनाने के लिए प्रेरित किया था. साथ ही ये भी बताया कि सलमान खान स्टारर फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ बनाने में उन्हें इतना वक्त क्यों लगा.


पिता को नहीं था सूरज पर भरोसा


दरअसल ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे से बात करते हुए सूरज बड़जात्या ने अपनी लाइफ के कई किस्से शेयर किए. जिसमें उन्होंने बताया कि, वो 17 साल के थे जब उन्होंने अपने पिता राजकुमार बड़जात्या को फिल्म बनाते हुए देखा और वो उनके काम करने के तरीके से बहुत ही इंप्रेस हुए थे. उन्होंने बताया कि, मेरे पिता को ये बिल्कुल भी यकीन नहीं था कि मैं कभी कोई फिल्म बना पाऊंगा. क्योंकि मैं बहुत ही शर्मीले बच्चा था. जिसने स्कूल में भी कभी किसी चीज में हिस्सा नहीं लिया था. लेकिन फिर मैंने अपने मन को मजबूत किया और इस लाइन में कूद पड़ा.


महेश भट्ट के साथ किया सूरज ने काम


सूरज ने बताया कि, हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कॉलेज नहीं बल्कि महेश भट्ट के साथ उनकी फिल्म सारांश में उनकी मदद की थी. तब सूरज एक्टर्स को को स्क्रिप्ट देने से लेकर सेट अप में मदद करने तक सब काम किया था. वहीं जब उन्होंने खुद इस लाइन में काम करना शुरू किया तो उनके पिता ने उन्हें सलाह दी थी कि, "अपने जिंदगी से प्रेरणा लों," जिसके बाद सूरज ने ये तय कर लिया था वो हमेशा पारिवारिक फिल्में ही बनाएंगे.


स्क्रीन टेस्ट में रिजेक्ट हुए थे सलमान


बता दें कि सूरज महज 21 साल के थे जब उन्होंने पहली फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ लिखनी शुरू की थी. इसपर बात करते हुए उन्होंने बताया कि, मेरी पहली स्क्रिप्ट रिजेक्ट हो चुकी थी. फिर नई लिखने में मुझे पूरे 2 साल लग गए थे. तब हमारे प्रोडक्शन हाउस में कुछ फिल्में फ्लॉप थीं और हम काफी परेशानी से गुजर रहे थे. उस दौरान कोई भी एक्टर हमारे साथ काम नहीं करना चाहता था और फिर एक दिन मैं एक ऐसे शख्स से मिला, जिसे हमने उसके पहले स्क्रीन टेस्ट के बाद रिजेक्ट कर दिया था. लेकिन उसमें कुछ तो बात थी कि, हमने 5 महीने बाद प्रेम के रोल के लिए उन्हें ही वापस बुलाया और वो शख्स कोई और नहीं सलमान खान थे.”


हालांकि यहां पर सूरज की लाइफ की परेशानियां खत्म नहीं हुई. उनके पास फिल्म की कास्ट थी, स्क्रिप्ट भी थी लेकिन पैसों की कमी थी. तब सूरज को इस बात का पूरा भरोसा था कि ये फिल्म जरूर सुपरहिट होगी. ऐसे में उनके पिता ने उधार पैसे लिए और ये फिल्म बनी. जिसके बाद फिल्म को दर्शकों का बेशुमार प्यार मिला.


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