Shah Rukh Khan Debut Movie: बॉलीवुड इंडस्ट्री बहुत बड़ी है और यहां हर दिन एक्टिंग करने हजारों लोग आते हैं. कामयाबी का सपना हर किसी का होता है लेकिन कामयाब होने के लिए किस्मत और मेहनत दोनों बहुत जरूरी होते हैं. एक ऐसा शख्स भी 90's के दौर में दिल्ली से मुंबई कुछ बनने के इरादे से आया और फिर यहीं का होकर रह गया. दिल्ली में रहने के दौरान भी वो कुछ सीरियल में काम कर रहा था लेकिन मुंबई उसे उसके बड़े सपने लेकर आई.


जी हां, हम बात बॉलीवुड के किंग यानी शाहरुख खान की कर रहे हैं जिनका स्टारडम कुछ ऐसा है कि वो दुनिया के टॉप-5 रिचेस्ट एक्टर्स की लिस्ट में शामिल हैं. शाहरुख जब मुंबई आए तो उनके पास रहने को अपना घर तक नहीं था. नई नवेली दुल्हन गौरी खान के साथ मुंबई में शाहरुख अपने दोस्त के फ्लैट में काफी समय रहे. लेकिन उन्होंने पहला घर कब खरीदा, उन्हें कामयाबी कैसे-कैसे मिली, चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.


कैसे मिली शाहरुख खान को पहली फिल्म?


शाहरुख खान जब दिल्ली में थे तब 'फौजी' सीरियल करते थे. शाहरुख इस बात से बेखबर थे कि मुंबई में कोई उनके काम पर नजर रखे है. 1990 की बात है जब शाहरुख के पास एक अजनबी कॉल आई जिसमें उन्हें पता चला कि हेमा मालिनी उनके साथ फिल्म करना चाहती हैं. शाहरुख ने इस कॉल को फेक समझकर इग्नोर कर दिया.




इन सभी बातों का जिक्र शाहरुख खान ने अपने एक इंटरव्यू में किया था. आमतौर पर शाहरुख इन बातों को अक्सर बताते हैं कि उन्होंने जिस कॉल को फेक समझा वो असली था. कुछ महीने बीते और फिर एक कॉल आया, इस बार हेमा मालिनी ने खुद उन्हें कॉल किया और मुंबई आने के लिए कहा. 


रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहरुख साल 1990 के आस-पास मुंबई गए और यहां उन्होंने हेमा मालिनी से मुलाकात की. शाहरुख ने बताया था कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि उनके सामने हेमा मालिनी और धर्मेंद्र खड़े हैं. हेमा ने शाहरुख का ऑडिशन लिए बिना उन्हें अपनी फिल्म दिल आशना है (1992) के लिए साइन कर लिया. इसके बाद शाहरुख वापस दिल्ली आए और फिर गौरी छिब्बर को खुशखबरी दी.


शाहरुख और गौरी उन दिनों प्यार में थे और घर के खिलाफ होते हुए भी उन्होंने शादी की. साल 1991 में शाहरुख ने गौरी से शादी की और मुंबई ले आए. यहां शाहरुख ने कुछ समय के लिए अपने दोस्त के फ्लैट में गुजर बसर किया और फिर किराए के मकान में गौरी के साथ रहने लगे. शाहरुख ने अभी फिल्म दिल आशना है की शूटिंग शुरू की ही थी कि तभी उन्हें 'चमत्कार', 'राजू बन गया जैंटलमैन' और 'दीवाना' जैसी फिल्में साइन करने का मौका मिला.




शाहरुख ने इन सभी फिल्मों की शूटिंग एक साथ शुरू की और दिन-रात मेहनत करने लगे. इन सभी में सबसे पहले फिल्म दीवाना बनकर तैयार हुई और साल 1992 में शाहरुख का बड़े पर्दे पर धमाकेदार डेब्यू हुआ. इसके बाद 'दिल आशना है', 'चमत्कार' और 'राजू बन गया जैंटलमैन' भी रिलीज हुई और ये सभी एवरेज फिल्में रहीं.


शाहरुख खान हर फिल्में क्यों करते थे साइन?


शाहरुख खान ने अपने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक किया था कि 90's में वो बिना स्क्रिप्ट पढ़े फिल्में साइन करते थे क्योंकि उन्हें काम की जरूरत थी. गौरी खान से शादी के बाद शाहरुख को उन्हें किराए पर रखना गवारा नहीं लगता था इसलिए वो उन फिल्मों को करने से भी नहीं हिचकते थे जो दूसरे एक्टर्स रिजेक्ट कर देते थे. जैसे आमिर खान की रिजेक्टेड फिल्म डर और सलमान खान की रिजेक्टेड फिल्म बाजीगर.






इन दोनों में विलेन का रोल ठुकराते हुए आमिर-सलमान ने इंकार कर दिया था लेकिन शाहरुख ने इन्हें स्वीकार किया और उनका सिक्का इंडस्ट्री में चल गया. शाहरुख के करियर में सबसे बड़ा पड़ाव 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' के बाद आया. शाहरुख साल 1995 में स्टार बन चुके थे क्योंकि इस फिल्म ने उस दौर के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. शाहरुख के हुनर को पहले हेमा मालिनी और उनके बाद यश चोपड़ा ने पहचाना.


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सफल फिल्मों के अलावा शाहरुख ने ऐसी-ऐसी फिल्में कीं जिनके बारे में शाहरुख खुद कहते हैं कि उस समय उन्हें ज्यााद से ज्यादा काम चाहिए था क्योंकि उन्हें अपना घर खरीदना था. काफी समय लगा लेकिन साल 1999 के आस-पास शाहरुख ने सपना पूरा किया.


रिपोर्ट्स के मुताबिक जुहू के पास एक बंगला बुक किया जो उस समय करीब 13 से 15 करोड़ का था. साल 2001 में इस घर की रजिस्ट्री हुई और उन्होंने इसका नाम 'मन्नत' रखा जिसकी कीमत आज के समय में करीब 200 करोड़ रुपये है. शाहरुख जीरो से हीरो बने और आज उनकी प्रॉपर्टी 6000 करोड़ से भी ज्यादा है.


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