बॉलीवुड के मशहूर गायक शान का नाम संगीत की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाने वालों में शामिल है. उनकी आवाज ने ना सिर्फ हिंदी सिनेमा को बल्कि कई भाषाओं के संगीत को भी एक नई दिशा दी है. शान की गायकी की शुरुआत कुछ खास अंदाज में हुई थी, जो बहुत कम लोग जानते हैं.

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शान ने सीधे फिल्मों में गाने की बजाय पहले कई विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाए. यह उनका पहला कदम था, जिसने उन्हें संगीत की दुनिया में मजबूत पकड़ दिलाई. इस सफर में कई मुश्किलें आईं, लेकिन शान ने कभी हार नहीं मानी और आज वह बॉलीवुड के सबसे पसंदीदा गायकों में से एक हैं. आइए जानते हैं कैसा रहा उनका ये सफर. 

परिवार चलाने के लिए छोटी उम्र से ही शुरू किया काम शान का असली नाम शांतनु मुखर्जी है. उनका जन्म 30 सितंबर 1972 को मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में हुआ था. वे एक बंगाली परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें बचपन से ही संगीत का शौक था. उनके दादा जाहर मुखर्जी एक मशहूर गीतकार थे, जबकि उनके पिता मानस मुखर्जी एक म्यूजिक डायरेक्टर थे. इस वजह से शान के अंदर भी बचपन से ही संगीत के प्रति गहरा लगाव था. वह केवल चार साल के थे जब उन्होंने गाना शुरू कर दिया था.

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छोटी उम्र से ही कर रहे काममहज 13 साल की उम्र में शान के सिर से पिता का साया उठ गया था. ऐसे में उन्होंने अपने परिवार की मदद करने के लिए छोटी उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था. शान ने अपने करियर की शुरुआत विज्ञापनों के लिए जिंगल्स गाकर की. यह दौर उनके लिए बेहद अहम था क्योंकि जिंगल्स ने उनकी आवाज को पहचान दिलाई और उनकी गायकी को एक मंच मिला. कई बार उनके जिंगल्स इतने लोकप्रिय हुए कि लोग उनकी आवाज को पहचानने लगे.

आर.डी. बर्मन के रीमिक्स गाने ने दिलाया पहचान इसके बाद शान ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'परिंदा' (1989) से की. उस समय उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी और उन्होंने फिल्म के एक गाने में पार्श्व गायक के रूप में अपनी आवाज दी. बाद में शान ने आर.डी. बर्मन के लोकप्रिय गाने 'रूप तेरा मस्ताना' का रीमिक्स वर्जन गाया, जिसे लोगों ने काफी पसंद किया. इस गाने ने उन्हें बॉलीवुड में और भी आगे बढ़ने का मौका दिया.

1999 में शान के करियर में सुनहरा मोड़ आया, जब उन्होंने फिल्म 'प्यार में कभी कभी' के लिए गाना 'मुसू मुसू हासी' गाया. इस गाने को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला और यह उनकी पहली बड़ी हिट साबित हुई. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में अपनी आवाज दी जैसे 'लगान', 'साथिया', 'फना', 'भूल भुलैया' , 'ओम शांति ओम' और 'दिल चाहता है' के गानों को खासा लोकप्रिय बनाया.

कई पुरस्कार किए अपने नाम शान ने न सिर्फ हिंदी में, बल्कि बंगाली, मराठी, उर्दू, तेलुगु, कन्नड़ और कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए हैं. उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें एक बहुभाषी सिंगर के रूप में स्थापित किया. इसके साथ ही उन्होंने कई म्यूजिक रियलिटी शो जैसे 'सारेगामापा', 'सारेगामापा लिटिल चैम्प्स', और 'स्टार वॉइस ऑफ इंडिया' को होस्ट भी किया है, जिससे उन्हें अलग पहचान मिली.

अपने करियर में शान को कई पुरस्कार मिले हैं. उन्हें दो फिल्मफेयर पुरस्कार और तीन अंतरराष्ट्रीय भारतीय फिल्म अकादमी (आईफा) पुरस्कार मिल चुके हैं.