Saif Ali Khan Attack Case: 16 जनवरी को अभिनेता सैफ अली खान को उनके बांद्रा स्थित फ्लैट में चाकू से हमला मामले में दायर चार्जशीट में कई बड़े खुलासे हुए हैं. बताया जा रहा है कि इस मामले में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक शरीफुल इस्लाम शहजाद को नियोक्ता अमित पांडे द्वारा अंधेरी पश्चिम स्थित एक ज़ेरॉक्स सेंटर में डिजिटल भुगतान के जरिए पकड़ा था.  

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सीसीटीवी से मिली पुलिस को बड़ी मदद

चार्जशीट में आगे बताया गया कि शरीफुल इस्लाम का चेहरा सैफ अली खान की इमारत सतगुरु शरण बिल्डिंग में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया था. उस फुटेज का अंधेरी रेलवे स्टेशन पर फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) से मिलान होने के बाद ही पुलिस को मामले में पहली लीड मिली. पुलिस ने बताया कि इसके बाद जांचकर्ताओं ने रिवर्स सीसीटीवी फुटेज की जांच की और 9 जनवरी के अंधेरी पश्चिम के सीसीटीवी फुटेज भी हमलावर एक व्यक्ति के साथ बाइक पर पीछे की सीट पर बैठा हुआ दिखाई दे रहा था.  फिर पुलिस मोटरसाइकिल सवार तक पहुंची. उसकी पहचान अमित पांडे के रूप में हुई.

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हाउसकीपिंग का काम करता था हमलावर

पांडे ने पुलिस को बताया कि उसने शरीफुल को हाउसकीपिंग स्टाफ के रूप में काम पर रखा था. पुलिस ने इसके बाद सीसीटीवी फुटेज में हमलावर की तस्वीर पांडे को दिखाई, पांडे ने उसे पहचान लिया और कहा कि इसका नाम विजय दास है. हमलावर का मोबाइल नंबर प्राप्त करने के बाद पुलिस ने दास को ठाणे के हीरानंदानी इलाके से ढूंढ निकाला, जहां वह लेबर कैम्प के पीछे छिपा हुआ था.

हमले के बाद उसी इलाके में छिपा था हमलावर

पुलिस ने चार्जशीट में बताया कि आरोपी शरीफुल ने सैफ के घर मे घुसने के बाद एक करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन चार्जशीट में इसका जिक्र नहीं की वो 16 जनवरी को सतगुरु शरण अपार्टमेंट में अभिनेता के फ्लैट में कैसे घुसा. आरोपी सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ. जिसमें वो 16 जनवरी की सुबह 01.37 बजे ऊपर चढ़ता और फिर 02.37 बजे नीचे उतरता हुआ दिखाई दे रहा है. हमले के बाद जब अभिनेता के घर वाले और घर मे काम करने वाले घबराए हुए थे, तब आरोपी अगले एक घंटे तक उसी इलाके में कहीं छिपा रहा.

एक्टर के घर पर पुलिस को मिले थे सबूत

चार्जशीट के अनुसार, आरोपी को 16 जनवरी को सुबह 3:37 बजे सीसीटीवी फुटेज में भारती विला बिल्डिंग के परिसर से बाहर निकलते देखा गया था. लेकिन किसी को भी उसके बारे में पता नहीं चला. बांद्रा पुलिस की टीम घटना स्थल पर पहुंची और सतगुरु शरण अपार्टमेंट में फर्श पर बिखरे महत्वपूर्ण साक्ष्यों को इकट्ठा करने के लिए घेराबंदी की गई थी.

ऐसे हुई थी घटनास्थल की जांच

चार्जशीट के मुताबिक घटना के बाद एक फोरेंसिक मोबाइल वैन, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों और एक डॉग टीम की मदद से अपराध स्थल की जांच की गई. जिसके बाद घटनास्थल से 29 नमूने बरामद किए गए हैं, जैसे कि चाकू का टुकड़ा, मौके पर पड़े खून के नमूने, खून से सना तकिया कवर, खून से सना गद्दा कवर, खून से सना लोड कवर, खून से सना कॉटन पैड, खून से सना टिशू पेपर, सूती कपड़े का सादा नमूना.”

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