हर साल महिला दिवस पर खूब सेलिब्रेशन होता है. लोग अपने-अपने तरीके से इस दिन को खास बनाते हैं. इस महिला दिवस हम आपको बता रहे हैं एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल की कहानी जिसके बारे में जानकर आपकी आंखें भी डबडबा जाएंगी. ये कहानी फिल्मी पर्दे पर भी दिखेगी लेकिन उससे पहले आज के दिन आप ये कहानी इसलिए पढ़ें ताकि खुद समझें और जागरूक हों, तभी तो ऐसी घटनाओं पर लगाम लगेगी.

  • वर्ष 2005 में एक 32 वर्षीय दरिंदे ने लक्ष्मी पर तेजाब फेंक दिया था, जिससे उनका पूरा चेहरा बुरी तरह जल गया था. लक्ष्मी उस वक्त मात्र 15 साल की थीं. जिंदगी में हर किसी के सपने होते हैं. लक्ष्मी भी सिंगर बनना चाहती थीं लेकिन इस हासके के साथ उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल गई. लक्ष्मी बताती हैं, "मैं सिंगर बनना चाहती थी. लेकिन हादसे के बाद जब शीशे में खुद को देखा तो बहुत परेशान हो गई. आत्महत्या करने का भी मन किया, फिर अहसास हुआ कि आत्महत्या जीवन के लिए आसान नहीं है. फिर माता-पिता से बात करना जरूरी समझा."
  • लक्ष्मी कहती हैं, "मैंने नकारात्मक चीजों को उलट कर उसे सकारात्मक तरीके से लिया. मैंने अपने भीतर सकारात्मकता लाने की कोशिश की." हर संघर्ष में सहयोग और असहयोग के अनुभव हर किसी के होते हैं. लक्ष्मी के क्या अनुभव रहे? इस पर उनका कहना है, "काफी लोग जिंदगी में आए और चले गए, नाम तो मैं नहीं लूंगी. जिन्होंने कहा हम हमेशा तुम्हारे साथ खड़े हैं, सबसे ज्यादा धोखा उन्हीं ने दिया. मुझे लगता है कि जिंदगी चुनौतीभरी है. हर दिन लोग आते हैं और जाते हैं, सबसे जरूरी है खुद का साथ देना, खुद पर विश्वास करना."
  • लक्ष्मी, आलोक दीक्षित के साथ लिव-इन में रह चुकी हैं और दोनों की एक बेटी भी है. हालांकि अब वह आलोक के साथ नहीं रहतीं. इस बारे में उनका कहना है, "मैं लिव-इन में रही थी. मैं चाहती थी कि मेरी शादी हो. इस बारे में मैंने आलोक से बात की और उन्होंने मुझे शादी के सही मायने बताए. मुझे लगा कि शादी नहीं करनी चाहिए. आलोक ने मुझसे कहा 'हम किसे शादी में बुलाएंगे, उन्हें जिन्होंने हमारा साथ नहीं दिया?' इस वजह से मैंने भी शादी नहीं की और आज भी मैं सिंगल मदर हूं. अब मैं आलोक के साथ नहीं रहती."
  • लक्ष्मी को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा ने साल 2014 में 'इंटरनेशनल वुमेन ऑफ करेज' अवॉर्ड से सम्मानित किया था.
  • लक्ष्मी अग्रवाल के जीवन पर मेघना गुलजार जैसी मशहूर निर्देशक आज फिल्म बनाने जा रही हैं, और बॉलीवुड की एक सबसे खूबसूरत अभिनेत्री दीपिका पादुकोण लक्ष्मी के किरदार में होंगी. लक्ष्मी की अब यही इच्छा है कि उन पर बन रही फिल्म में उनके पूरे जीवन को विस्तार से दिखाया जाए, ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगे और तेजाब हमले की पीड़िताओं के प्रति लोग जागरूक हों.
  • हादसे के बाद लक्ष्मी ने कभी सोचा भी था कि उनके जीवन पर फिल्म बनेगी? फिल्म के ऐलान के बाद उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी नहीं सोचा था. कभी नहीं सोचा था. यह तो बहुत बड़ी चीज है." लक्ष्मी ने आगे कहा कि हादसा होता है तो इतनी सारी चीजें घटती हैं कि आप इतना सब कुछ सोच नहीं पाते कि आगे आने वाली जिंदगी कैसी होगी.
  • लक्ष्मी ने बताया कि लोगों को लग रहा होगा कि आज उनका नाम है, जगह-जगह उन्हें बुलाया जाता है, उनपर फिल्म बन रही है, लेकिन उनके जीवन का स्याह पक्ष यह है कि गुजर-बसर के लिए उनके पास कोई ठोस जरिया नहीं है, और वह एक अदद नौकरी के लिए संघर्ष कर रही हैं.
  • वर्तमान में लक्ष्मी एक एनजीओ चलाती हैं और तेजाब पीड़िताओं की मदद भी करती हैं. उन्होंने कहा, "अभी मैं खुलेआम बिक रहे तेजाब के खिलाफ अभियान चला रही हूं. उनके लिए काम कर रही हूं, क्योंकि सर्वाइवर परेशान हैं, उनका इलाज नहीं हो पा रहा है, उनके सपनों को साकार करने में उनकी मदद करने की कोशिश कर रही हूं." उन्होंने कहा, "उनके सपनों को जिंदा रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे कहीं न कहीं अंदर की आत्मा मर जाती हैं और इसलिए उन्हें प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है."
  • लक्ष्मी ने खुलेआम तेजाब बिक्री पर पाबंदी के लिए एक लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी और 2013 में सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि तेजाब की बिक्री के लिए चुनिंदा विक्रेताओं को लाइसेंस जारी किए जाएं. इसके बावजूद देश में आए दिन तेजाब हमलों की खबरें आती रहती हैं.
  • लक्ष्मी कहती हैं, "दरअसल, कानून तो है, मगर क्रियान्वयन की समस्या है. एक दिक्कत और है. कानून कहता है कि जो अब घटनाएं होंगी, उन पर कानून लागू होगा, लेकिन जो घट चुकी हैं, उनका क्या? घट चुकीं घटनाओं के लिए नए कानून की आवश्यकता है."
  • उन्होंने कहा, "कानून के साथ ही समाज में बदलाव की आवश्यकता है. जो मामले 10-10 साल चलते हैं, उन्हें छह महीने में सुलझाया जाए तभी अपराध रुकेंगे. हालांकि समाज में अब थोड़ी जागरूकता आई है. वर्ष 2013 से पहले घरेलू हिंसा, दुष्कर्म के बारे में लोग जानते थे, तेजाब हमले की हिंसा जानते ही नहीं थे. आज यह एक मुद्दा भी है. यह खुशी की बात है कि ऐसा बदलाव आया है, जो लड़कियां पहले मुंह छिपा कर चलती थीं, अब खोलकर चलती हैं."
  • उन्होंने कहा, "आज तेजाब पीड़िताओं की शादियां हो रही हैं, कल तक उनकी शादी भी नहीं होती थी, उन्हें लोग बुलाना पसंद नहीं करते थे, लेकिन अब उन्हें आमंत्रित करते हैं. यह बड़ा बदलाव है."
  • जल्द ही लक्ष्मी की कहानी बड़े पर्दे पर दिखेगी. इस पर वो कहती हैं, "बहुत अच्छा लग रहा है कि दीपिका मेरी भूमिका निभाएंगी. बहुत खुशी हो रही है. फिल्म को लेकर उत्साहित हूं कि जल्दी से मेरी फिल्म आए और मैं उसे देखूं, अपनी जिंदगी अपनी आंखों से देखूं." (INPUT: IANS)