Priya Rajvansh Death Mystery: फिल्म इंडस्ट्री चकाचौंध से भरी है. बताया जाता है कि यहां जितनी रोशनी दूर से दिखाई देती है, दूसरे पहलू में उतना ही अंधेरा छिपा है. इंडस्ट्री में आने वाले कई सितारों की शुरुआत तो बेहतरीन होती है लेकिन उनका अंत रहस्यों में खो जाता है. ऐसा ही एक किस्सा एक्ट्रेस प्रिया राजवंश से भी जुड़ा है. प्रिया राजवंश ने 70's में बॉलीवुड एंट्री ली थी, कुछ साल काम भी किया लेकिन प्यार में पड़कर उनका अंत बहुत बुरा हुआ. 


30 दिसंबर 1936 को शिमला में जन्मीं प्रिया राजवंश की पहली फिल्म हकीकत (1964) थी. इसमें उनके को-एक्टर धर्मेंद्र थे और इस फिल्म का निर्देशन-निर्माण चेतन आनंद ने किया था. यहीं से प्रिया राजवंश की लाइफ में चेतन आनंद की एंट्री हुई. चेतन आनंद सुपरस्टार देव आनंद के बड़े भाई थे. प्रिया के अंत की कहानी यहीं से शुरू हुई, चलिए आपको वो घटना बताते हैं.


प्रिया राजवंश का शुरुआती करियर


प्रिया राजवंश का जन्म शिमला में हुआ लेकिन उनकी परवरिश लंदन में हुई. इनके पिता UN में काम करते थे और प्रिया की स्कूलिंग, कॉलेज सबकुछ लंदन से ही हुआ. प्रिया उस दौर की मशहूर मॉडल हुआ करती थीं और लंदन के जिस कॉलेज में वो पढ़ती थीं वहां उन्हें मोस्ट स्टाइलिश गर्ल कहा जाता था.




22 की उम्र में मॉडलिंग के दौरान प्रिया की तस्वीरें लंदन के एक फोटोग्राफर ने ली थी और वो किसी तरह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पहुंची. उस दौर में फिल्ममेकर ठाकुर रणवीर सिंह हुआ करते थे जो चेतन आनंद के दोस्त भी थे. वो तस्वीरें सबसे पहले ठाकुर को मिली और उसी समय चेतन आनंद अपनी फिल्म हकीकत के लिए नया चेहरा ढूंढ रहे थे.


ठाकुर ने प्रिया की तस्वीरें उन्हें दीं और चेतन तस्वीरें देखते ही प्रिया पर दिल हार बैठे. ये सभी बातें एक्ट्रेस और प्रेजेंटेटर रह चुकीं तबस्सुम ने अपने शो तबस्सुम टॉकीज में बताईं थीं. तबस्सुम टॉकीज में बताया गया कि चेतन आनंद ने प्रिया को तुरंत इंडिया आने के लिए बैक टू बैक कई फिल्मों का ऑफर दिया था. प्रिया भारत आईं और उन्होंने फिल्म हकीकत (1964) से अपने करियर की शुरुआत की. 


कैसा था चेतन आनंद और प्रिया राजवंश का रिश्ता?


फिल्म हकीकत के सेट पर ही चेतन आनंद ने प्रिया से दोस्ती कर ली और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदली. चेतन आनंद ने साल 1943 में उमा आनंद से शादी कर ली थी जिनसे उन्हें दो बेटे थे. लेकिन कुछ शादी के कई सालों के बाद वो अपनी वाइफ से अलग रहने लगे.


हालांकि, उन्होंने दोनों बेटों क पढ़ाया-लिखाया और अपने साथ ही काम में लगाया. जब प्रिया चेतन आनंद की लाइफ में आईं तब वो अकेले थे. बताया जाता है कि प्रिया से चेतन आनंद बहुत प्यार करते थे और इसी दौरान उन्होंने प्रिया के लिए कई फिल्में बनाईं.




प्रिया ने अपने करियर में 8 से 10 फिल्में कीं और वो सब चेतन आनंद के निर्देशन और निर्माण में ही बनी थीं. उन फिल्मों में 'अफसर', 'हकीकत', 'हीर रांझा', 'हंसते जख्म', 'साहेब बहादुर', 'कुदरत', 'हाथों की लकीरें' जैसी फिल्में सफल रहीं. चेतन आनंद हमेशा प्रिया राजवंश के साथ रहे और उनके लिए फिल्में बनाते रहे लेकिन चेतन आनंद के दोनों बेटे प्रिया से नफरत करते थे.


कैसे हुआ प्रिया राजवंश का निधन?


6 जुलाई 1997 को चेतन आनंद का निधन 76 वर्ष में हो गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेतन आनंद की वसीयत में 60 प्रतिशत प्रिया राजवंश के नाम प्रॉपर्टी रही वहीं 20-20 प्रतिशत उनके बेटों केतन आनंद और विवेक आनंद को मिला.


तबस्सुम टॉकीज के मुताबिक, केतन और विवेक को ये बात बहुत ज्यादा खटकने लगी और उन्होंने इसका बदला लिया. आरोप है कि चेतन आनंद के निधन के तीन साल बाद यानी 2000 में उनके बेटों ने प्रिया की कामवाली से ही उनकी हत्या करवा दी.




मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रिया की मौत का कारण गला दबाकर मारना आया था. पूछताछ में पता चला कि प्रिया की मेड को इस काम के लिए चेतन आनंद की फैमिली ने 4000 रुपये दिए थे. प्रिया राजवंश मर्डर केस पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है.


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