नई दिल्ली: बॉलीवुड फिल्म 'सिंघम' और 'दबंग 2' जैसी हिंदी फिल्मों में विलने का किरदार निभाने वाले अभिनेता प्रकाश राज इन दिनों सुर्खियों में हैं. प्रकाश राज ने पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं और आलोचना करते हुए कहा कि वो प्रधानमंत्री की चुप्पी से डरे हुए हैं. इसके साथ ही ऐसी खबरें भी थीं कि प्रकाश राज ने अपना राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाने का ऐलान कर दिया है. लेकिन देर रात अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए प्रकाश राज ने कहा कि ‘मूर्ख नहीं है कि राष्ट्रीय पुरस्कारों को लौटाएं.’


प्रकाश राज ने कल रात अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया. वीडियो के अनुसार अभिनेता ने यह नहीं कहा कि वह ‘राष्ट्रीय पुरस्कारों को वापस करना चाहते हैं.’’ वीडियो में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने देखा कि समाचार चैनलों पर यह चलाया जा रहा है कि प्रकाश राज ने राष्ट्रीय पुरस्कार को वापस लौटाने का फैसला किया है. मैं इतना मूर्ख नहीं हूं कि राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लौटा दूं. यह मेरे कार्यों के लिए दिया गया है, जिस पर मुझे गर्व है.’’


 


इससे पहले उन्होंने पीएम मोदी की आलोचना करते हुए एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘जब मैं इन अभिनेताओं को देखता हूं जो यह दिखाते हैं कि कुछ हुआ ही नहीं है तो मुझे लगता है कि मैं अपने पांच राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें वापस लौटा दूं. वे मुझसे बड़े अभिनेता हैं.’’


यहां पर प्रकाश राज ने लंकेश को अपनी गहरी दोस्त बताते हुए कहा, ‘‘जश्न कौन मना रहा है? अमानवीय हत्या पर जश्न मनाये जाने से मैं दुखी हूं. मैंने जश्न मनाने वालों के खिलाफ अपने दुख और रोष का इजहार किया है. इसको लेकर मुझे ट्रोल किया गया.’’ राज ने कहा, ‘‘साथ ही मेरा सवाल है कि देश के प्रधानमंत्री अगर ऐसे लोगों को फॉलो करते हैं और उनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रहे और उन पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे तो एक नागरिक होने के नाते मैं परेशान हूं, मैं व्यथित हूं. मैं प्रधानमंत्री की चुप्पी से डरा हुआ हूं.’’


अभिनेता ने इस बात पर जोर दिया कि वह किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए नहीं हैं और देश के एक नागरिक के नाते ये बातें कह रहे हैं.


बता दें कि प्रकाश राज ने पीएम मोदी के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर भी निशाना साधते हुए कहा, "जब आप आदित्यनाथ के बयानों को सुनते हैं, तब आप यह नहीं समझ पाते कि वह एक मुख्यमंत्री हैं या एक पुजारी हैं." उन्होंने व्यंग्यात्मक भावना से कहा, "आदित्यनाथ मुझसे भी अच्छे अभिनेता है. मैं सोच रहा हूं कि मुझे अपने सारे राष्ट्रीय पुरस्कार उन्हें दे देने चाहिए."


राज ने बाद में ये भी कहा, ‘‘मैं किसी पार्टी के खिलाफ बात नहीं कर रहा. मैं अपने प्रधानमंत्री से बात कर रहा हूं. मैं कह रहा हूं कि आपकी चुप्पी डरावनी है. मैं चुप्पी से काफी दुखी हूं...मुझे यह कहने का अधिकार है.’’


प्रकाश राज ने ये बातें कल बेंगलुरू में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवायएफआई) की 11वीं राज्यस्तरीय बैठक में कहीं. बाद में राज के वक्तव्य को साफ करते हुए, डीआईएफआई के राज्य अध्यक्ष मुनीर कटिपल्ला ने कहा, "यह केवल एक व्यंग्यपूर्ण टिप्पणी थी, जिसमें प्रकाश राज ने उल्लेख किया था कि आदित्यनाथ कैसे मुख्यमंत्री की तरह काम करने की कोशिश कर रहे हैं."


आपको बता दें कि दक्षिणपंथ के खिलाफ कड़ा रुख रखने वाली लंकेश की पांच सितंबर की रात को अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. (एजेंसी इनपुट)