जयपुर: 'पद्मावत' फिल्म को लेकर चल रहे विरोध के बीच सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि वो जयपुर में चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे. उन्होंने बयान जारी कर आज ये जानकारी दी है. साथ ही ये भी  कहा है कि फिल्म पद्मावत को भावनाओं का सम्मान करते हुए ही प्रमाणित किया गया है.


बता दें कि पद्मावती की वजह से प्रसून जोशी को करणी सेना ने धमकी दी है. कुछ दिनों पहले करणी सेना ने धमकी दी कि अगर वह जयपुर आए तो 'बुरी तरह पीटे' जाएंगे. करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेदी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि फिल्म को रिलीज करने वालों और फिल्म के समर्थन में कुछ भी बोलने वालों को जयपुर में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. यहां पढ़ें विस्तार से

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इसके बाद आज जोशी ने खुद बयान जारी कर कहा कि वो इस फेस्ट में हिस्सा नहीं लेगें. साथ ही उन्होंने वजह भी बताई. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक फ़िल्म पद्मावत से जुड़े विवादों की बात है मैं एक बार फिर यह कहना चाहता हूँ कि फ़िल्म पद्मावत को, नियमों के अंतर्गत, सुझावों को जहाँ तक सम्भव हो सम्मिलित करते हुए, सकारात्मक सोच के साथ, भावनाओं का सम्मान करते हुए ही प्रमाणित किया गया है. पूरी निष्ठा से एक संतुलित और संवेदनशील निर्णय का प्रयास है.’’

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जोशी ने कहा, ‘‘अब थोड़ा विश्वास भी रखना होगा. विश्वास एक दूसरे पर भी और हमारी स्वयं की बनायी प्रक्रियाओं और संस्थाओं पर भी. विवादों की जगह विचार विमर्श को लेनी होगी, ताकि भविष्य में हमें इस सीमा तक जाने की आवश्यकता न पड़े.”

उन्होंने कहा “मैं इस बार जेएलएफ में भाग नहीं ले पा रहा हूँ . साहित्य और कविता के प्रेमियों के साथ इस वर्ष जेएलएफ में चर्चा और विचार विमर्श न कर पाने का दुःख मुझे रहेगा, पर मैं नहीं चाहता कि मेरे कारण साहित्य प्रेमियों, आयोजकों और वहाँ आए अन्य लेखकों को कोई भी असुविधा हो और आयोजन अपनी मूल भावना से भटक जाए.’’ (पीटीआई इनपुट)