हिन्दी सिनेमा में किशोर कुमार जैसा गायक न कोई था और न अब तक कोई हो पाया है. उनके हरफनमौला अंदाज और आवाज का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. किशोर कुमार ने अपनी जिन्दगी में सैकड़ो सुपरहिट गाने गाए. उनके कई गानों की पीछे दिलचस्प कहानियां हैं जैसे ‘मेरे सामने वाली खिड़की’ वाला गाना या फिर ‘पांच रुपैया बारह आना’ वाला गाना रहा हो.
फिल्म ‘चलती का नाम गाड़ी’ का गाना पांच रुपैया बारह आना खूब हिट हुआ था. इस गाने में किशोर कुमार और मधुबाला का चुलबुला अंदाज दिखाई दिया था लेकिन इस गाने की कहानी किशोर दा के कॉलेज से जुड़ी है. किशोर कुमार इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़ा करते थे. कमरा नं 4, कॉलेज कैंपस में इमली का पेड़, काका की कैंटीन और हॉस्टल की गैलरी में पड़ी बेंच किशोर कुमार की यादों को आज भी संजोए हैं.
कॉलेज से जुड़े लोग आज भी बतातें है कि किशोर दा को काका की कैंटीन के पोहा और जलेबी खूब पसंद थे. मुफलिसी के दौर में वो यहां से चाय, पोहा, जलेबी उधार खाया करते थे. इसी उधारी के चक्कर में किशोर दा पर कैंटीन के काका का 5 रुपया 12 आना का उधार हो गया. जब भी वो अपने पैसे मांगते तो किशोर अपने ही अंदाज में गाने लगते 'पांच रुपैया बारह आना...मारेगा काका..ना...ना..ना..' यहीं गाना आगे चलकर फिल्म में लिया गया जिसमें किशोर दा गाते हैं मारेगा भईया ना..ना...ना.. किशोर दा ने ये उधार कभी नहीं चुकाया. फिल्म इंडस्ट्री में पैसा कमाने के बाद भी काका की कैंटीन का उन पर उधार ही रहा.
ऐसी ही कहानी 'मेरे सामने वाली खिड़की' गाने से भी जुड़ी है. लोग बताते हैं कि कॉलेज के दिनों में किशोर कुमार हॉस्टल की खिड़की पर बैठकर गर्ल्स हॉस्टल की तरफ देखते हुए इसे गुनगुनाते थे. ये गाना भी बाद में कॉमेडी फिल्म 'पड़ोसन' में लिया गया. 'मेरे सामने वाली खिड़की में एक चांद का टुकड़ा रहता है' गाना भी उनके सुपरहिट गानों में से एक है.
कहते हैं किशोर कुमार के कई गाने क्रिश्चियन कॉलेज में इजाद हुए थे. वो अक्सर यहां इमली के पेड़ के नीचे ही रियाज किया करते थे.
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