Kissa-E-Bollywood : संजय मिश्रा बॉलीवुड के उन चंद एक्टरों में गिने जाते हैं जिनकी एक्टिंग एकदम नेचुरल मानी जाती है. बिहार के दरभंगा में जन्में संजय मिश्रा की अपकमिंग फिल्म 'कामयाब' 6 मार्च को सिनेमा घरों में रिलीज हो रही है.


संजय मिश्रा की फिल्म 'कामयाब' कितनी कामयाब होगी यह तो समय ही बताएगा, लेकिन दमदार अभिनय के चलते संजय मिश्रा की गिनती बॉलीवुड में कामयाब अभिनेताओं में जरूर की जाती है. लेकिन यह शानदार अभिनेता फिल्म की चमक दमक से एक बार अचानक गायब हो गया. सब कुछ छोड़ छाड़कर संजय मिश्रा उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक ढ़ाबे पर काम करने लगे. लेकिन एक मशहूर डायरेक्टर के कहने पर वे वापिस मुंबई लौट आए.


बॉलीवुड में जगह मिलने के बाद अचानक एक दिन संजय मिश्रा ने सब कूछ छोड़ने का फैसला कर लिया और मुंबई से ऋषिकेश आ गए. यहां संजय मिश्रा ने एक ढाबे पर चाय बनाने और बर्तन साफ करने का काम करने लगे. पिता की मौत का सदमा उनसे सहन नहीं हुआ और उनमें वैराग्य पैदा हो गया. जब वे ऋषिकेष में थे तो उनके पास मशहूर डायरेक्टर रोहित शेट्टी का फोन आया और उन्हें तुरंत मुंबई आने के लिए कहा.



रोहित शेट्टी के आग्रह को वे टाल न सके और वापिस मुंबई लौट आए इसके बाद उन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्में दीं. जिसमें उनके अभिनय की जबरदस्त सराहना हुई. उनके अभिनय का लोहा कई बड़े एक्टर भी मानते हैं. खुद शाहरुख खान और अजय देवगन भी उनकी एक्टिंग की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. संजय मिश्रा के फैंस को अब इंतजार है उनकी आने वाली नई फिल्म कामयाब का.


जन्म के समय इस बड़े एक्टर ने दिया था आशीर्वाद


कामयाब होना संजय मिश्रा के लिए कांटों भरी राह पर चलने जैसा रहा है. संजय मिश्रा की फैमली ब्रेकग्राउंड फिल्मों से जुड़ी बिल्कूल भी नहीं है. सिवाए इसके कि जब उनका जन्म हुआ था तो अपने जमाने के मशहूर बॉलीवुड एक्टर बिस्वजीत आर्शीवाद देने के लिए मौजूद थे. दरअसल संजय मिश्रा के पिता शंभूनाथ मिश्रा एक जर्नलिस्ट और दादा एक आईएएस ऑफिसर थे. घर में पढ़ने लिखने का माहौल उन्हें विरासत में मिला था. उनकी दादी पटना रेडियो स्टेशन में अपने गाने के कार्यक्रम पेश किया करती थीं.



यहां से सीखी एक्टिंग


पढ़ाई के मामले में संजय मिश्रा कमजोर थे, लेकिन संगीत और साहित्य में उनकी गहरी रूचि थी. पढ़ने में कमजोर होने के कारण उनके पिता चिंतित भी रहते थे. बाद में उनका परिवार उत्तर प्रदेश के बनारस यानि वाराणसी में आकर रहने लगा. संजय मिश्रा की बाकी की पढ़ाई बनारस में ही पूरी हुई बाद में इन्होंने नेश्नल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स किया. संजय मिश्रा का फिल्मों में पहला ब्रेक ओह डार्लिंग ये हैं इंडिया में मिला. इसके बाद फिल्म राजकुमार, सत्या जैसी फिल्मों में छोटे रोल किए. संजय मिश्रा को लोगों ने तब समझा जब फिल्म आंखों देखी में उन्हें एक्टिंग के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्टर के सम्मान से नवाजा गया.


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