चेन्नई: अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने बुधवार को औपचारिक रूप से अपनी राजनीतिक पारी शुरू कर दी. इसके तहत वह सबसे पहले रामेश्वरम में पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के घर पहुंचे. वह बाद में मदुरै में होने वाली रैली में अपनी पार्टी के नाम और झंडे का एलान करेंगे. कमल ने रामेश्वरम में दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति के बड़े भाई और पविार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की. इस मौके पर अभिनेता ने ट्वीट किया, "साधारण शुरुआत से महानता आ सकती है. वास्तव में यह केवल सरलता से आ सकती है. अपनी यात्रा की शुरुआत महान व्यक्ति के साधारण से घर से करके खुशी हो रही है."


यहां से मिली जानकारी के मुताबिक, "कमल यहां के बाद मंडपम में एक सरकारी स्कूल जाने वाले थे, जहां कलाम ने पढ़ाई की थी, लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी इजाज़त नहीं दी."


एक हिंदू संगठन के नेता ने एक टीवी चैनल से कहा कि उन लोगों ने कमल के स्कूल आने का विरोध किया, क्योंकि वह राजनीतिक फायदा उठाना चाहते थे.



बाद में रामेश्वरम में मछुआरा समुदाय के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "यह तमिलनाडु की सबसे महत्वपूर्ण इंडस्ट्री है. मैं मछुआरों के विचार सुनने के लिए दोबारा आऊंगा." रामेश्वरम में कई 'नालाई नामाधे(कल हमारा है)' लिखे हुए कई झंडे सफेद रंग में दिखे, जिस पर काले रंग में तमिलनाडु का नक्शा बना हुआ था.


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तमिलनाडु इकाई की नेता तमिलसाई सुंदरराजन ने पत्रकारों से कहा कि 'ऐसा लगता है कि कमल ने किसी के साथ कॉम्पिटिशन करने के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी की शुरुआत की है.' उन्होंने कहा, "कोई भी अपनी पार्टी बना सकता है, तमिलनाडु उस स्थिति में नहीं है कि उसे केवल कमल ही बचा सकते हैं."


वहीं दूसरी ओर, दलित नेता थोल थिरुमावलन ने पत्रकारों से कहा कि कमल और रजनीकांत तमिलनाडु में डीएमके को नुकसान पहुंचाने के लिए बीजेपी के एजेंट है.