Monday Motivation: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल 30 लाख मौतों के साथ-साथ लाखों लोगों की विकलांगता और खराब हेल्थ की वजह बनने वाली चीज का नाम है अल्कोहल यानी शराब. खतरनाक ये भी है कि दुनियाभर में जितनी बीमारियां होती हैं, उनमें से 5.1 प्रतिशत बीमारी अल्कोहल की वजह से होती हैं. 


अब अगर आप ये सोच रहे हैं कि हम ये डेटा क्यों बता रहे हैं तो वो इसलिए बता रहे हैं, ताकि अगर आपके किसी खास को इसकी लत है, तो आप उसकी मदद कर सकते हैं. और इस मामले में आपकी मदद करेगी बॉलीवुड के दिग्गज स्टार (एक्टर नहीं स्क्रीनराइटर और लिरिसिस्ट) जावेद अख्तर की कहानी. जिन्होंने जब करीब 33 साल से शराब को हाथ नहीं लगाया.






एल्कोहॉलिक से नॉन एल्कोहॉलिक बने जावेद की कहानी
जावेद अख्तर की बॉलीवुड में एंट्री के बाद से ही सिर्फ 25 साल की उम्र में ही उन्होंने वो नेम-फेम पाया जो उस जमाने में बड़े-बड़े एक्टर्स के पास भी नहीं था. जावेद उस जमाने में किसी बड़े एक्टर से भी ज्यादा फीस लेने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन उन्हें भी अल्कोहल की लत लग गई. ABP Network के Ideas of India summit में 2023 में जावेद ने शिरकत की थी. उन्होंने इस दौरान अपनी अल्कोहल की आदत और उसे छोड़ने के बारे में बातें बताईं.


जावेद अख्तर ने बताया था कि वो हर रोज एक बोतल अल्कोहल पी लेते थे और उन्हें हैंगओवर भी नहीं होता था. लेकिन जब वो 41 या 42 साल के हुए तो उन्होंने बहुत ही तार्किक तरीके से सोचा कि अगर ऐसे ही पीते रहे तो शायद 52-53 साल में ही उनकी जिंदगी खत्म हो जाएगी.


जावेद ने रैशनल होने का मतलब बताते हुए कहा कि आप कितनी बुद्धिमत्ता से किसी चीज के बारे में सोचते हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने सोचा कि क्या मैं लंबा जीना चाहता हूं या शराब पीना चाहता हूं.'


उन्होंने अरबाज खान के साथ एक चैट शो (The Invincibles with Arbaaz Khan) में बताया था, 'मैं शराब किसी दुख में नहीं पीता था, मुझे बस मजा आता था इसलिए पीता था. लेकिन मुझे जिंदा रहने और शराब पीने के बीच चुनना था, तो मैंने जिंदा रहने को तवज्जो दी.'




जावेद अख्तर ने कैसे छोड़ी शराब की लत
जावेद ने बताया कि वो इस जद्दोजहद में 2 साल तक रहे कि उन्हें शराब छोड़नी है. लेकिन इस बारे में वो किसी से कह नहीं पा रहे थे. अगर वो अपनी पत्नी शबाना आजमी से कहते तो वो तुरंत उनसे छोड़ने के लिए कहने लग जातीं और वो तुरंत छोडना भी नहीं चाह रहे थे.


उन्होंने इस बारे में बताया था, 'इसीलिए एक बार 31 जुलाई 1991 को मैंने पूरी बकार्डी की बोतल पी ली. उसके बाद वो दिन है और आज का दिन मैंने शराब को हाथ नहीं लगाई. उसके बाद मुझे कोई समस्या भी नहीं हुई. और मेरा स्वास्थ्य भी अच्छा रहने लगा. 2 से 3 साल बाद मुझे सांस लेने में प्रॉब्लम हुई. तो मैंने सिगरेट भी छोड़ दी.'


शराब की वजह से गलतियां हुईं- जावेद अख्तर
जैसा कि आप भी जानते ही हैं कि अल्कोहल पीने के तुरंत बाद इंसान कई बार ऐसी हरकतें कर जाता है जो शायद वो बिना नशे के न करे. अमेरिका की सरकारी वेबसाइट नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, शराब दिमाग के मार्ग में रुकावट पैदा करती है जिससे दिमाग के काम करने के तरीके पर प्रभाव पड़ता है जिससे व्यवहार बदल जाता है. और नशे की हालत में इंसान ठीक से सोच नहीं पाता है.




यही बात जावेद अख्तर ने भी अपनी भाषा में बताई. उन्होंने कहा कि 'अगर मैंने शराब न पी होती तो शायद कभी गलतियां भी न करता. मैंने जो भी गलतियां कीं उसकी वजह शराब ही रही.' उन्होंने कहा इससे इंसान की पर्सनल लाइफ पर भी असर पड़ता है. उन्होंने बताया कि बाद में उन्हें ये एहसास हुआ कि ये बेवकूफी है जो वो कर रहे हैं, इसमें कोई डिग्निटी या चार्म नहीं है.


जावेद जैसा आत्मबल पैदा करने की है जरूरत
ऊपर लिखी हर बात में जो एक बात समझ आई वो ये है कि शराब या कोई भी नशा छोड़ने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी अगर कोई चीज है तो वो है आत्मबल. ठीक 33 साल पहले शराब छोड़ने वाले जावेद ने अगर आज तक शराब को हाथ नहीं लगाया तो ये किसी भी शराब पीने वाले के लिए एक सीख की तरह है कि वो भी इससे छुटकारा पा सकते हैं. इसलिए, अगर आपका कोई खास या आप ही इसके एडिक्शन से जूझ रहे हैं तो आज ही सोचिए कि इसे छोड़ देने में ही समझदारी है. क्योंकि जावेद की भाषा में रैशनल होना बहुत जरूरी है.


शराब क्यों छोड़ देना चाहिए?
हो सकता है कि कुछ मिथ किसी के दिमाग में घर कर गए हों. और वो ये सोच रहा हो कि जिंदगी में इंजॉय करने का ये एक बेहद जरूरी टूल है. तो उन्हें ये समझने की जरूरत है कि वो भ्रम में हैं. क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल अब्यूज एंड अल्कोहलिज्म के मुताबिक, शराब की वजह से कैंसर जैसी बीमारी को भी न्योता मिलता है. इसके अलावा, इससे दिल, लिवर और पेट की भी समस्याएं होती हैं. शराब में ऐसा कुछ भी नहीं होता जो थोड़ा सा भी आपके लिए फायदेमंद हो.


शोले और शक्ति जैसी फिल्में जिसकी कलम से पैदा हुई हों फिल्म गली बॉय के बेहतरीन रैप जिनकी कलम से निकले हों. वो जावेद ये सब कर पाने में इसीलिए सफल हुए क्योंकि उन्होंने समय रहते अपने आत्मबल से अपनी लतों से छुटकारा पा लिया. तो अगर आप अभी तक जावेद अख्तर को सिर्फ स्क्रीनराइटर के तौर पर ही जानते थे तो आज से उन्हें अपने गाइड की तरह पहचान भी दे सकते हैं. क्योंकि उनकी शराब से जंग आपके लिए सीखने का जरिया हो सकती है.


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