Javed Akhtar Love Story: 'ये इश्क नहीं आसां इतना समझ लीजिए...एक आग का दरिया है और डूब के जाना है...' जिगर मुरादाबादी की कलम से निकली यह शायरी बॉलीवुड के हुनरबाज लेखक और शायर जावेद अख्तर की जिंदगी पर सटीक बैठती है. अपनी जिंदगी में दो बार इश्क फरमाने वाले जावेद की पहली लव स्टोरी जमाने की नजरों से छिपकर शुरू हुई थी, लेकिन उसका भी अपना ही मजा था. हालांकि, हनी ईरानी और जावेद की जिंदगी में शबाना आजमी की एंट्री ने उनकी प्रेम कहानी का सूरत-ए-हाल ऐसा कर दिया था, जिसका तमाशा सारे जमाने ने देखा. मशहूर गीतकार के जीवन के इस पहलू को आज हम आपके सामने इसलिए लेकर आ रहे हैं, क्योंकि आज यानी 21 मार्च के ही दिन जावेद और हनी ईरानी का निकाह हुआ था. चलिए जानते हैं खूबसूरती के साथ शुरू हुई इस प्रेम कहानी का अंत इतना दर्दनाक कैसे हुआ...


'सीता और गीता' के सेट पर टकराईं आंखें


जावेद अख्तर और हनी ईरानी के बीच का संबंध उस दौर का है, जब मशहूर गीतकार बॉलीवुड में अपना करियर बनाने के लिए एड़ियां घिस रहे थे. जावेद अपनी पहचान बनाने के लिए स्ट्रगल करने में लगे थे. वहीं, हनी ईरानी अपने जमाने की मशहूर चाइल्ड आर्टिस्ट थीं और फिल्मों में लगातार काम कर रही थीं. जब सलीम खान के साथ मिलकर अपनी कलम का जादू बिखेर जावेद अख्तर फिल्म 'सीता और गीता' की कहानी लिख रहे थे, तब उन्हें जरा भी अंदाजा नहीं था कि फिल्म में धर्मेंद्र और हेमा की जोड़ी बनाते-बनाते वह अपने दिल में भी किसी की एंट्री कराने वाले हैं. दरअसल, जावेद अख्तर और हनी ईरानी फिल्म 'सीता और गीता' के सेट पर ही टकराए थे. पहली ही मुलाकात में दोनों के दिल में 'कुछ कुछ होने लगा' था.  


ताश के पत्तों ने तय की किस्मत


पहली ही मुलाकात में जावेद और हनी ईरानी ने एक-दूसरे के दिल में दस्तक दे दी थी. दोनों की दोस्ती हुई तो धीरे-धीरे हनी ईरानी जावेद के सेंस ऑफ ह्यूमर पर फिदा होने लगीं और मन ही मन उन्हें दिल दे बैठीं. दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे. एक ऐसी ही मुलाकात पर बड़े ही मजेदार अंदाज में जावेद ने अचानक हनी को शादी के प्रपोज कर दिया था. कैसे??? आइए जानते हैं... दरअसल, एक दिन जावेद साहब ताश खेल रहे थे, जिसमें उन्हें लगातार हार का सामना करना पड़ रहा था. हनी ईरानी जावेद के साथ ही थीं और उन्होंने कहा कि क्या वह उनके लिए कार्ड निकाल सकती हैं? इस सवाल के जवाब में जावेद ने बड़ी ही चतुराई से कहा कि अगर कार्ड सही निकला तो वह उनसे शादी कर लेंगे. भगवान दोनों को मिलाने की साजिश रच रहा था.....हनी ईरानी का निकाला गया पत्ता सही बैठा. बस फिर क्या था, जावेद ने हनी से शादी करने का मन बना लिया.


और हो गई शादी...


शादी का ख्याल आते ही जावेद के मन में अपने सबसे पक्के दोस्त सलीम खान का नाम आया. गीतकार का यह तरीका हमें धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की फिल्म 'शोले' की याद दिलाता है. जैसे वीरू जय को बसंती की मौसी के पास रिश्ता लेकर भेजता है, कुछ उसी तरह जावेद ने सलीम को हनी ईरानी की मां के पास भेजा था. जय के स्टाइल में ही सलीम ने हनी की मां से कहा कि भइया यह लड़का कार्ड खेलता है और दारू भी पीता है. लेकिन, हनी की मां के मन में भी जावेद बस गए थे और उन्होंने हां कर दी. हालांकि, उन्होंने कहा था कि जब ठोकर लगेगी तो हनी वापस आ जाएगी और वही हुआ भी. घर वालों के मानने के बाद जावेद और हनी ईरानी ने 21 मार्च 1972 में एक-दूसरे से निकाह किया और हमसफर बन गए.  


हनी के जीवन का वह बुरा दौर


अब हम प्यार और एक-दूसरे के सम्मान से शुरू हुई हनी ईरानी और जावेद अख्तर की इस प्रेम कहानी के उस दौर में प्रवेश कर रहे हैं, जब सब कुछ नेस्तनाबूद होने लगा था. शादी के बाद दोनों एक-दूसरे के साथ बढ़िया जिंदगी बिता रहे थे. दोनों के दो बच्चे हो चुके थे. वहीं, 'सीता और गीता' की सक्सेस के बाद जावेद अख्तर की प्रोफेशनल लाइफ भी रफ्तार पकड़ने लगी थी. इसके बाद हनी ईरानी की जिंदगी में वह तूफान आया, जिसने उनके घर की नींव हिलाकर रख दी. काम में सफलता हाथ लगने के साथ ही जावेद की जिंदगी में शबाना आजमी ने एंट्री ली और दोनों की नजदीकियां बढ़ने लगीं . जैस-जैसे जावेद शबाना के नजदीक होते गए, वैसे-वैसे वह हनी से दूर हो गए. आए दिन जावेद और हनी की लड़ाइयां होने लगीं और उनकी हंसती-खेलती खुशहाल जिंदगी पटरी से उतर गई. हनी ईरानी ने बुरी तरह से टूटने के बाद जावेद अख्तर से तलाक लेने का फैसला किया और शादी के छह साल बाद दोनों ने अपनी राहें जुदा कर लीं.


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