"हेलो भाइयों बहनों... मैं इरफान खान . मैं आज आपके साथ हु भी और नही भी ." यह इरफान खान द्वारा दुनिया को कहा गया आखिरी शब्द है जो उन्होने अपनी ज़िंदगी की आखिरी बॉलीवुड फिल्म 'इंग्लिश मीडियम' के प्रमोशन के दौरान कहा था. हरफनमौला कलाकार इरफान खान हमारे बीच नहीं रहे. कैंसर की लंबी लड़ाई वो आज हार गए और मुम्बई के कोकिलाबेन अम्बानी अस्पताल में आखिरी सांस ली .


इरफान खान की मौत पर बॉलीवुड के साथ साथ देश भर में शोक का माहौल है. इरफान के अंतिम सफर में उन्हें चाहने वाला हर कोई शामिल होना चाहता है. लेकिन मुम्बई में कोरोना संक्रमण की चिंता और लॉकडाउन के बीच इरफान खान के अंतिम सफर में शामिल होना एक बड़ी बाधा है.  इरफान के भाई और परिवार के कुछ सदस्य जयपुर में है और लॉकडाउन के बीच तुरंत मुम्बई पहुचना संभव नही है. 5 दिन पहले इरफान खान की माँ का भी निधन हुआ था लेकिन मुम्बई से इरफान जयपुर नहीं पहुच पाए थे .


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मुम्बई में इरफ़ान होंगे सुपुर्द-ए-खाक 


इरफान खान के दोस्तों के मुताबिक इरफान को मुम्बई के सांताक्रुज इलाके में बड़े कब्रिस्तान में इरफान खान को सुपुर्द ए खाक किया जाएगा. जिसे लेकर मुम्बई पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया की इरफान के परिवार या करीबियों को उनके अंतिम दर्शन में आने से रोका नही जाएगा . आम लोगो को लॉक डाउन के नियमो का पूरा पालन करना है . अन्तिम सफर में फैंस के शामिल होने पर पूरी तरह रोक है . जो करीबी लोग इरफान खान के अंतिम सफर में शामिल होने आएंगे उन्हें खुद की और दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखना होगा.


इरफान खान के अंतिम सफर, अंतिम दर्शन और सुपुर्द ए खाक के दौरान किसी को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसका ख्याल मुम्बई पुलिस रखेगी . वहीं, दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें अस्पताल से घर ले जाने की जगह सीधा वर्सोवा कब्रिस्तान ले जाया जाएगा. हालांकि इन दोनों ही जानकारियों पर परिवार की ओर से आधिकारिक बयान आना बाकी है.


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 ऐसे किया जाता है सुपुर्द-ए-खाक 


मुंबई के वरिष्ठ मौलाना मुफ्ती मंजूर जियाई ने बताया की, इस्लाम मानने वाले मृत व्यक्ति के जनाजे को जनाजा तख्ता में ले जाया जाएगा, उसमें रखने के बाद लोग उनके सामने कंधे से कंधा मिला कर खड़े हो जाते हैं और जनाजे की विशेष नमाज़ पढ़ी जाती है जिसमें पांच मिनट का समय लगता है . उसके बाद कब्रिस्तान ले जाया जाता है जहां दफनाने की प्रक्रिया शुरू होती है . कोई एक रिश्तेदार कब्र में उतरता है और जनाजे को लिटा दिया जाएगा. कुछ लोग कब्र में रखने के बाद भी दर्शन के लिए चहरा दिखते हैं कुछ नहीं दिखाते . आखिर में मिट्टी डाल दी जाती है और फिर आत्मा की शांति के लिए दुआ होती है .