Ideas of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के सालाना शिखर सम्मेलन 'आइडिया ऑफ इंडिया'  में एक्ट्रेस शोभिला धूलिपाला शामिल हुईं. एक्ट्रेस ने यहां उनकी एक्टिंग जर्नी के बारे में खुलकर बातें कीं. शोभिता धूलिपाला बॉलीवुड समेत तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में भी अभिनय कर चुकी हैं. शोभिता को बॉलीवुड में पहला ब्रेक अनुराग कश्यप की फिल्म 'रमन राघव 2.0' से मिला. साल 2016 में आई इस फिल्म में शोभिता के काम को पसंद किया गया. इसके बाद, मणिरत्नम की 'पोन्नियिन सेलवन' के दोनों पार्ट्स का हिस्सा रह चुकीं शोभिता कई वेबसीरीज में भी दिखीं, जैसे मेड इन हैवेन, तांडव और द नाइट मैनेजर.


शोभिता ने फेमिना मिस इंडिया 2013 पेजेंट में फेमिना मिस इंडिया अर्थ का खिताब अपने नाम किया था और उन्होंने और मिस अर्थ 2013 में इंडिया का रिप्रेजेंट भी किया. 


खूबसूरती की तारीफ को कैसे लेती हैं शोभिता?
इस सवाल के जवाब में कि जब कोई उनकी तारीफ करता है तो वो इसे कैसे लेती हैं. क्या ये आपको अच्छा लगता है या इससे स्ट्रेस होता है? तो उन्होंने कहा कि कॉम्प्लिमेंट से मुझे कोई स्ट्रेस नहीं होता.इससे अच्छा और इनकरेज्ड फील होता है. हम ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां इतना सारा क्रिटिसिजम होता है. तो ऐसे में अगर आपकी तारीफ होती है तो अच्छा लगता है.


बचपन में शाय थीं शोभिता
शोभिता ने कहा कि वो बचपन में एक शाय बच्ची थीं. ऐसा नहीं है कि मैं एक्ट्रेस बनने के बाद बदल गई हूं. और कई मायनों में मैं वैसी ही हैं. शाय नेचर था लेकिन मैं चाहती थी कि लोगों से मिलूं. लेकिन कॉन्फिडेंस न होने की वजह से मैं किताबों में अपनी दुनिया ढूंढती रहती थी. इससे फायदा ये हुआ कि मैं रीडिंग और राइटिंग को हॉबी बना लिया है.मुझे इससे खुशी मिलती है. और इसका फायदा मुझे अब देखने को मिलता है.


ब्यूटी कॉन्टेस्ट का हिस्सा बनने को लेकर क्या बोलीं शोभिता?
शोभिता कहती हैं कि इंटरनेट में जैसी जानकारी दी जाती है, जरूरी नहीं है वो सही ही हो. जैसे मैंने जब  ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया तब ये वैलिडेशन के लिए नहीं किया था. उन्होंने आगे कहा, ''देखिए कभी लोग मुझे तारीफें देते हैं, तो कभी इसका उल्टा भी बोलते हैं. जब मैं हाईस्कूल के बाद मुंबई कॉलेज में आई तब मुझे मौका मिला. मुझे नहीं पता था कि मैं ये सब करूंगी. मेरी उम्र तब 19-20 साल थी, उस दौरान ये मौका मिलने से मै खुश थी. क्योंकि मैं एक अलग ही दुनिया से आई थी. ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान मैंने बहुत अच्छा समय बिताया. लेकिन मुझे उस समय कुछ बुरा व्यवहार फील नहीं हुआ. 


ओटीटी और फिल्मों में क्या फर्क है?
शोभिता ने इस सवाल के जवाब में बोला उनका काम एक्टिंग करना है. तो वैसा कुछ नहीं है. लेकिन उन्होंने ये भी बोला कि वो मूवीज और ओटीटी दोनों को इंजॉय करती हैं. शोभिता कहती हैं,''हम एक्टर्स की तरह ही काम करते हैं. दो चीजें एक जैसी नहीं हो सकती जैसे दो दिन एक जैसे नहीं हो सकते. लेकिन एक एक्टर के तौर पर मेरे लिए वो काम है और मैं उसे काम की तरह ही लेती हैं.''


ऑडिशन है डेमोक्रेटिक तरीका एक्टिंग करियर बनाने का
शोभिता के पिता मर्चेट नेवी में थे माता जी टीचर थी. ऐसे में इस सवाल के जवाब में कि क्या आउटसाइडर होने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ा? शोभिता ने अपनी जर्नी के बारे में बातचीत में बताया,''मैं फिल्मों से जुड़ी नहीं थी. मैं सिर्फ ऑडिशन के जरिए ही जा सकती थी. मॉडलिंग के दौरान ऑडिशन में जाती थी. उसकी वजह से मैं फिल्मों में आई. मैं क्लासिकल डांसर भी थी. उन्होंने कहा, ''ऑडिशन में जाना बहुत ही डेमोक्रेटिक तरीका है, एक्टिंग में करियर बनाने का. भले ही इसमें टाइम लगे. लेकिन ऐसा नहीं है कि आपको मौके नहीं मिलेंगे. उन्होंने कहा कि मैंने 


खुद को दिए थे 3 साल
शोभिता ने कहा-मुझे ऐसा काम करना था जिसमें मुझे फाइनेंशियल सिक्योरिटी मिले. लेकिन मैंने खुद को 3 साल दिए ये सोच के कि मैं क्या यहां रह सकती हूं. और तब जाकर मुझे एक्टिंग में जाने का मौका. उन्होंने कहा, ''जब मुझे फिल्म मिली, तो मुझे याद है कि मेरी 3 साल की डेडलाइन के सिर्फ 2 महीने बचे थे. मुझे लगा कि अगर कुछ नहीं होता तो मैं स्टडी के लिए चली जाउंगी. तब जाकर मुझे रमन राघव मिली. मैं कान फिल्म फेस्टिवल गई मुझे मेरी परफॉर्मेंस के लिए नॉमिनेट भी किया गया. मैं जब पीछे मुड़कर देखती हूं तो ये सब कुछ पॉजिटिव लगता है.


ऑडिशन को शोभिता ने बताया पीएच टेस्ट
शोभिता ने ऑडिशन के तरीके को डेमोक्रेटिक बताते हुए ये भी कहा कि जिन अवसरों का ऐक्सेस है उसमें सेलेक्ट कर सकते हैं कि क्या अच्छा है और क्या बुरा लेकिन ये सब कुछ आपके हाथों में नहीं होता. मेरे हिसाब से ऑडिशन एक पीएच टेस्ट की तरह होता है कि कितनी सूटेबिलिटी है. 


शोभिता का ग्रेसफुल जेश्चर
शोभिता ने 'आउटसाइडर' होने से जुड़े सवाल के बारे में कहा कि मैं आज उसी चेयर पर बैठी हूं, जहां थोड़ी देर पहले करीना कपूर खान जैसी ब्लॉकबस्टर हीरोइन बैठी थीं. मुझे ये सोचकर अच्छा लगता है कि क्या फर्क पड़ता है मैं भी आप जैसे इंटेलीजेंट लोगों के बीच में बैठी हूं.


जिंदगी को लेकर क्या सोचती हैं शोभिता?
इस सवाल के जवाब में कि शोभिता को लाइफ से क्या चाहिए, उन्होंने कहा, ''मुझे नहीं लगता कि लाइफ का कोई पर्पज है. लाइफ एक नदी में नाव की तरह है, जिसे पार करना है. इसलिए आपको चलते जाना है.'' शोभिता ने आगे ये भी कहा कि लाइफ में मैं मदरहुड जैसी अमेजिंग फेज को फील करना चाहती हूं.


लाइफ को बैलेंस करने पर शोभिता का मसैज
शोभिता ने कहा कि लाइफ कैसे बैलेंस करनी है. इस सवाल का जवाब ये है कि लाइफ में कई चीजें आप एक साथ करते हैं जैसे आप एक ही समय पर बेटी, बहन, पत्नी और एक्ट्रेस सभी भूमिकाओं को निभा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि ऐसा नहीं है कि शादी करने के लिए ये जरूरी है कि आप कोई चीज पा लेंगे तभी करेंगे. कई चीजें साथ की जा सकती हैं. मैंने कई कपल्स ऐसे देखे हैं जो एक-दूसरे को सपोर्ट करते हैं. और मुझे लगता है कि लाइफ में कई सारी चीजें आप एक साथ एक्सपीरियंस कर सकते हैं.


यूथ को क्या मैसेज दे गईं शोभिता
शोभिता ने कहा कि आप जैसे हैं वैसे ही अच्छे हैं. सोशल मीडिया के जमाने में कई बार अपनी अपीयरेंस को लेकर नेगेटिव सेल्फ बिलीफ हो जाता है, लेकिन कोई भी पूरी तरह से संपूर्ण नहीं है. लेकिन मेरी लर्निंग ये है कि ये कैपिटलिस्ट वर्ल्ड है, इसलिए खुद को परेशान मत कीजिए. शोभिता ने कहा, ''मेरे हिसाब से रियलिस्टिट बने रहना सबसे अहम है. अपना रियलिटी चेक करते रहना चाहिए. लाइफ में आने वाली कठिनाइयों से उबरने के लिए जरूरी है कि आप बिग पिक्चर पर नजर रखें. आजकल यूथ में एंग्जायटी देखने को मिलती है. इससे परेशान होने के बजाय वास्तविक बने रहना जरूरी है. और कोशिश करना चाहिए कि आप रिलेशन्स को अहमियत दें. अपने माता-पिता के साथ संबंधों को अच्छा रखने की भी कोशिश करें.''


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