Idea Of India Summit 2024: एबीपी नेटवर्क के सालाना शिखर सम्मेलन 'आइडिया ऑफ इंडिया' में मधुर भंडारकर, विपुल शाह और लीना यादव ने शिरकत की थी. सिनेमा हमें बांट रहा है या एकजुट कर रहा है? इस मुद्दे पर तीनों फिल्म मेकर ने अपनी-अपनी राय रखी. इस दौरान मधुर भंडाकर ने संदीप रेड्डी वांगा निर्देशित ब्लॉकबस्टर फिल्म 'एनिमल' पर भी बात की. 


मुधर बोले'एनिमल' ने बॉलीवुड की पूरी ग्रामर चेंज कर दी
मधुर भंडारकर ने कहा 'एनिमल' ऐसी ब्लॉकबस्टर हुई है कि इसने बॉलीवुड की पूरी ग्रामर को तोड़कर रख दिया है. मैं ईमानदारी से कह रहा हैं.  सब कहते हैं कि फिल्म सवा दो घंटे में रखना, बोरिंग सीन मत रखना. कई बातें बोली जाती हैं. संदीप रेड्डी वांगा जी ने ग्रामर चेंज कर दी है. उन्होंने तीन घंटे की फिल्म बना दी. ऊपर से लंबे लंबे सीन रखे, शॉट रखे. एडल्ट सर्टिफिकेट के बाद भी फिल्म ने इतना बिजनेस किया." 


इस फिल्म ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि जो टेम्पलेट पर हमारी इंडस्ट्री चलती थी उसके विरुद्ध जाकर उन्होंने उस फिल्म को बनाकर सक्सेसफुल किया. इसके लिए हमें उनकी तारीफ भी करनी चाहिए. फिर चाहे फिल्म विवादों में ही क्यों ना रही हो. कुछ लोगों को ये फिल्म पसंद आई. कुछ को नहीं लाई लेकिन  उस बंदे ने एक टेम्पलेट तोड़कर अच्छी फिल्म बनाई है. उसने साबित कर दिया कि फिल्म अच्छी हो तो कितनी बड़ी भी क्यों ना हो लोग फिल्म देखने थिएटर्स में जाएंगे." 


विपुल शाह बोले फिल्म को देखने के बाद होता है बहुत चर्चा
वहीं, विपुल शाह ने कहा, " मैं मानता हूं कि फिल्म को देखने के बात डिसकसन होता है. ये जरुरी नहीं कि हर डिस्कसन पॉजिटिव हो, निगेटिव भी होता है. हम ये नहीं कह सकते कि एनिमल ने अच्छे मेल को दिखाया, उनका ये दावा भी नहीं है. वो एक कैरेक्टर की कहानी बता रहै हैं जिनसे लोग सहमत नहीं हो सकते. जब बाचतीत होती है तो जिन्होंने फिल्म नहीं देखी हो वो सोचते हैं कि इसमें ऐसा क्या है कि सब वॉच कर रहे हैं और फिल्म वो भी देखने जाते हैं. हम फिल्म ये सोचकर नहीं बनाते कि किस तरह की पब्लिसिटी होगी. ये नेचुरल होता है. आप कंट्रोल नहीं कर सकते. फिल्ममेकर के औकात से बाहर है ये दुनिया.


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