Happy Birthday Mukesh Rishi: फिल्मी दुनिया का एक दस्तूर है कि जब तक फिल्मों में अच्छा काम कर रहे हैं तो सभी आपको पूछते हैं. लेकिन अगर एक बार किसी बड़े एक्टर से पंगा ले लिया या परफॉर्मेंस खराब हुई तो फिर इंडस्ट्री में काम करना मुश्किल हो जाता है. ऐसा ही कुछ हाल मुकेश ऋषि का हुआ जिन्होंने 90's और 2000's की कई फिल्मों में विलेन का जबरदस्त किरदार निभाया लेकिन अब वो फिल्मों में नहीं दिख रहे.


एक्टर मुकेश ऋषि के परिवार में फिल्मों से दूर-दूर तक कोई नहीं था, वो खुद फिल्मों में आना नहीं चाहते थे. लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था, वो फिल्मों में आए, हिट हुए लेकिन बहुत जल्दी गुमनाम भी हो गए. चलिए आपको मुकेश ऋषि से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताते हैं.






मुकेश ऋषि का फैमिली बैकग्राउंड


17 अप्रैल 1956 को जम्मू में जन्में मुकेश ऋषि के पिता बिजनेसमैन थे. उनके पिता चाहते थे कि मुकेश अच्छे से पढ़ लिख जाएं तो बिजनेस में उनका हाथ बंटा सकते हैं. लेकन मुकेश का मन पढ़ने लिखने में ज्यादा नहीं लगता था. स्कूल टाइम में मुकेश को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद होता था. पंजाब यूनिवर्सिटी में मुकेश ऋषि कैप्टन हुआ करते थे.


उसी दौरान उनकी फैमिली मुंबई शिफ्ट हो गई. मुकेश के पिता ने मुंबई में बिजनेस सेटअप कर लिया और अपने बड़े बेटे के साथ बिजनेस करते थे. जब मुकेश की पढ़ाई खत्म हुई तो उन्हें भी बिजनेस में शामिल किया. लेकिन फैमिली बिजनेस में मुकेश का मन नहीं लगता था और उनका मन कहीं और ही भागता था.


मुकेश ऋषि का संघर्ष और पहली फिल्म


एक दिन मुकेश ने अपने पिता से कहा कि उनका मन फैमिली बिजनेस में नहीं लगता है. उनका विदेश जाने का मन है तो उनके पिता ने अपने एक दोस्त के पास फिजी भेज दिया. यहां वो डिपार्टमेंटल स्टोर में मैनेजर की नौकरी करने लगे. नौकरी के साथ मुकेश मॉडलिंग भी किया करते थे और मॉडलिंग के दौरान लोग उन्हें फिल्मों में जाने की सलाह देने लगे.






पिता की डेथ हुई तो वो मुंबई आए और बाद में भाई ने जब उन्हें बिजनेस संभालने को कहा तो उन्होंने फिल्मों में विलेन बनने की इच्छा भाई के सामने रखी. भाई ने इजाजत दे दी और फिर उनकी मुलाकात रोशन तनेजा से हुई. उनके एक्टिंग स्कूल में एडमिशन लिया और मुकेश ने उनसे कहा कि जब उन्हें लगे कि वो एक्टिंग के लायक हो गए हैं तभी किसी के पास काम मांगने के लिए भेजें.


6 महीने बाद मुकेश फिल्मों में जाने के लायक हो गए थे. रोशन तनेजा ने उन्हें यश चोपड़ा के पास जाने को कहा और जब वो वहां गए तो यश चोपड़ा ने उन्हें कहा कि वो तो रोमांटिक, पारिवारिक फिल्में बनाते हैं उसमें विलेन की जरूरत नहीं होती.


मुकेश को शुरू से ही विलेन का रोल करना था. निराश होकर वो वहां से लौट तो आए, लेकिन 1 साल के बाद यश चोपड़ा के ऑफिस से उन्हें फोन गया और उन्हें फिल्म परंपरा मिल गई जो 1993 में रिलीज हुई थी. इस तरह मुकेश ऋषि को काफी मशक्कत के बाद पहली फिल्म मिल गई थी.






मुकेश ऋषि की फिल्में


संजय खान ने मुकेश ऋषि को अपने सुपरहिट सीरियल 'टीपू सुल्तान' में खूंखार विलेन का रोल ऑफर किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय को मुकेश की कद-काठी पसंद आ गई थी जो उस रोल के लिए परफेक्ट थी. इसके बाद उन्हें प्रियदर्शन की फिल्म गर्दिश मिली जिसमें वो मेन विलेन बने और छा गए.


ये मुकेश ऋषि की विलेन के तौर पर पहली सफल फिल्में थी. इस फिल्म के बाद मुकेश ऋषि 90's में ही 'सरफरोश', 'सूर्यवंशम', 'लोफर', 'इंडियन', 'गुंडा', 'कोई मिल गया', 'दम' जैसी फिल्मों में जबरदस्त विलेन बनकर उभरे. मुकेश ऋषि ने ना सिर्फ हिंदी फिल्में बल्कि तमिल, तेलुगू और पंजाबी फिल्मों में भी काम किया.


कैसे बर्बाद हुआ मुकेश ऋषि का करियर?


2000's की शुरुआत तक मुकेश ऋषि को फिल्में मिल रही थीं और सब कुछ अच्छा चल रहा था. लेकिन अचानक मुकेश के साउथ फिल्मों की तरफ रुख करने की वजह कुछ और ही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धीरे-धीरे मुकेश ऋषि को फिल्में मिलनी बंद हो गईं और उन्हें पता चला कि कुछ लोग हैं जो फिल्मों से उनका रोल काट रहे हैं.


मुकेश ऋषि ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो कुछ लोगों की साजिश का शिकार हो गए थे और जहां से उन्हें फिल्म मिलने की उम्मीद होती थी वहां वो लोग पहुंच जाते थे. बिना नाम लिए मुकेश ऋषि न कई बार अपना दर्द बताया है. बाद में मुकेश ऋषि साउथ की फिल्मों में गए और आज वहां एक्टिव हैं.


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