Emraan Hashmi On Nepostism: बॉलीवुड में नेपोटिज्म को लेकर समय-समय पर कॉन्ट्रोवर्सी होती रहती है. अक्सर स्टार्स भी इसपर अपनी राय देते नजर आते हैं. इसी कड़ी में एक्टर इमरान हाशमी ने भी नेपोटिज्म को लेकर खुलकर बात की है. उन्होंने नेपोटिज्म के विरोध में बोलने वालों की क्लास लगाई है और कहा है कि लोग एक ट्रेंड समझकर इस बहस में पड़ जाते हैं.


इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इमरान हाशमी ने कहा कि लोगों ने नेपोटिज्म शब्द की बारीकियों को पूरी तरह समझे बिना ही इसे पकड़ लिया. उन्होंने कहा, 'लोगों ने इसे देखा और जल्द ही यह एक ऐसी चीज बन गई जो ट्रेंड में आ गई. लोग इसमें कूद पड़े, उन्होंने अपनी राय दी जबकि शायद यह उनकी अपनी राय भी नहीं थी. उन्होंने देखा कि वहां माहौल में क्या था और उसमें कूदना शुरू कर दिया.'


बाहरी लोगों के लिए फिल्म ऑफिस में एंट्री करना मुश्किल
इमरान हाशमी, जो खुद एक फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं, उन्होंने कहा कि ये उनकी खुशकिस्मती है कि वे फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हैं और फिल्मी बैकग्राउंड से आते हैं. लेकिन इसके वे माफी नहीं मांग सकते क्योंकि उन्हें ये विरासत में मिल गई है. उन्होंने आगे माना कि वाकई में बाहरी लोगों के लिए फिल्म ऑफिस में एंट्री कर पाना भी काफी मुश्किल होता है.


'एक हद के बाद विरोध बहाना बन जाता है...'
इमरान ने कहा, ऑडिशन के बारे में भूल जाइए, 'उन्हें असिस्टेंट डायरेक्टर के साथ मीटिंग तक नहीं मिलती है. यह मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं. ये ध्यान देना चाहिए कि इसका विरोध करना अच्छी बात है, लेकिन एक हद के बाद विरोध एक बैसाखी, एक बहाना बन जाता है.'


'नेपोटिज्म कभी नहीं जाने वाला है'
'टाइगर 3' स्टार आगे कहते हैं, 'आपको लगता है कि आपको कुछ नहीं मिला क्योंकि दूसरे शख्स को यह उनके फिल्म कनेक्शन की वजह से मिल रहा है. यह सच से बहुत दूर है. ऐसे लोग हैं जिन्होंने आगे बढ़कर इसमें एंट्री ली है. नेपोटिज्म कभी नहीं जाने वाला है. आपके पास ऐसे लोग होंगे जो अपने ही गोत्र के लोगों को आगे बढ़ाना चाहेंगे. वे एक-दूसरे का ख्याल रखेंगे, यह हमारे डीएनए में बसा हुआ है. लेकिन यह एक ऐसी इंडस्ट्री है जहां हम एक साथ रह सकते हैं.'


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