25 फरवरी 1974 के दिन जन्मी दिव्या कभी हीरोइन नहीं बनना चाहती थीं. वह तो बस स्कूल की झिक-झिक से बचने के लिए एक्टिंग की दुनिया में आई थीं. फिल्म जगत में दिव्या की एंट्री क्या हुई, उन्होंने तो धमाल ही मचा दिया. महज दो साल के करियर में 12 फिल्में कर डालीं. उस दौर की हर हीरोइन को उन्होंने लगभग साइडलाइन कर दिया, लेकिन यह सितारा जितनी तेजी से चमका, उतनी तेजी से अस्त भी हो गया.


दिव्या को पसंद थीं चॉकलेट


जानकार बताते हैं कि दिव्या भारती को को चॉकलेट्स काफी पसंद थीं. यही वजह है कि दिव्या की मां जब तक जीवित रहीं, तब तक उनके बर्थडे पर हमेशा चॉकलेट बनाती थीं और स्कूली बच्चों में बांटती रहीं. वह इस तरह अपनी बेटी को याद करती थीं. वह कहती थीं कि दिव्या बेहद चुलबुली थी. वह अपने छोटे भाई कुणाल को सबसे ज्यादा पसंद करती थीं. दिव्या कहती थीं कि जो कुछ भी मेरा है, वह भाई कुणाल के लिए है.


दुनिया से छिपाया नया रिश्ता


कहा जाता है कि दिव्या का करियर जितनी तेजी से ऊपर चढ़ रहा था, उसी रफ्तार से उन पर इश्क का खुमार भी चढ़ा. शूटिंग के दौरान वह डायरेक्टर साजिद नाडियाडवाला के संपर्क में आईं और दोनों ने गुपचुप तरीके से 10 मई 1992 के दिन शादी कर ली. कहा जाता है कि उस दौरान दिव्या ने इस्लाम कबूल किया और अपना नाम सना नाडियाडवाला कर लिया. हालांकि, करियर पर असर न पड़े, इसके लिए नए रिश्ते को दुनिया से छिपाकर रखा गया.


वर्सोवा में रहती थीं दिव्या


बताया जाता है कि साल 1993 में साजिद ने दिव्या के लिए मुंबई के वर्सोवा इलाके में पांचवीं मंजिल पर एक फ्लैट लिया, लेकिन यह इन दोनों में से किसी के भी नाम पर नहीं था. दरअसल, दिव्या यहां किराएदार थीं. यहां उनके रिश्तेदार भी अक्सर आते-जाते रहते थे. जिंदगी बेहद खूबसूरत अंदाज में गुजर रही थी कि अचानक वह हादसा हो गया.


घटना के दिन बेहद खुश थीं दिव्या


दरअसल, पांच अप्रैल 1993 का दिन था. उस दिन दिव्या हैदराबाद से मुंबई लौटी थीं और बेहद खुश भी थीं, क्योंकि उसी दिन उन्होंने चार बेडरूम के फ्लैट की डील साइन की थी. इन सभी चीजों में दिन कब बीत गया, किसी को पता नहीं नहीं चला. हालांकि, शाम के वक्त दिव्या अपने फ्लैट पर पहुंचीं. उनके साथ फैशन डिजाइनर नीता लुल्ला और उनके पति श्याम लुल्ला मौजूद थे. वहीं, मेड किचन में काम कर रही थी.


ऐसे हुआ था हादसा


बताया जाता है कि दिव्या, नीता और श्याम तीनों लिविंग एरिया में ड्रिंक कर रहे थे. थोड़ी देर बाद दिव्या उस खिड़की की तरफ चली गईं, जहां ग्रिल नहीं लगी थी. अचानक ही वह पांचवीं मंजिल से नीचे गिर गईं और उनका पूरा शरीर खून से लथपथ हो गया. उन्हें मुंबई के कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ ही देर बाद दिव्या ने दम तोड़ दिया.


आज तक नहीं सुलझी गुत्थी


दिव्या की मौत को 30 साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी उनकी मौत की गुत्थी सुलझ नहीं पाई है. शुरुआत में तो इस मामले में सीधे तौर पर साजिद नाडियाडवाला पर तमाम आरोप लगाए गए, लेकिन कभी कुछ साबित नहीं हो सका. दिव्या उस दिन किसी हादसे की शिकार हुईं या किसी साजिश की, इसका जवाब आज भी किसी के पास नहीं है. हां, बस इतना जरूर है कि दिव्या को जब अलविदा कहा गया, तब उन्हें सुहागन के जोड़े में विदाई दी गई थी.


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