नई दिल्ली: हर तरफ हो रहे विरोध के बीच अब अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने अपनी अपकमिंग फिल्म पद्मावती पर चुप्पी तोड़ दी है और कहा है कि उनकी फिल्म को रिलीज होने से कोई नहीं रोक सकता. दीपिका ने कहा, "एक महिला के रूप में मुझे इस फिल्म का हिस्सा होने और कहानी को बताने पर गर्व है, जिसे बताए जाने की जरूरत है."
आपको बता दें कि फिल्मकार भंसाली की इस फिल्म पर इतिहास से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए कई नेताओं, संगठनों ने फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. दीपिका को पूरा भरोसा है कि फिल्म अपनी तय तिथि एक दिसंबर को ही रिलीज होगी. फिल्म की रिलीज के पहले मचे बवाल पर अभिनेत्री ने कहा, "यह भयावह है, यह बिल्कुल भयावह है. इससे हमें क्या मिला? और एक राष्ट्र के रूप में हम कहां पहुंच गए हैं? हम आगे बढ़ने के बदले पीछे हुए हैं." उन्होंने कहा, "हमारी जवाबदेही सिर्फ सेंसरबोर्ड के प्रति है और मैं जनाती हूं और मेरा मानना है कि फिल्म को रिलीज होने से कुछ भी नहीं रोक सकता."दीपिका ने ये भी बताया कि एक दशक पहले जब उन्होंने बॉलीवुड में आगाज किया था तो कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन संजय लीला भंसाली की फिल्मों में हीरोइन बनेंगी. अब संजय लीला भंसाली के साथ की अपनी तीसरी फिल्म 'पद्मावती' की रिलीज का इंतजार कर रहीं अभनेत्री को पूर भरोसा है कि फिल्म विवादों से उबर कर सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी और मनोरंजन उद्योग के लिए एक 'बड़ी लड़ाई' जीतेगी.
VIDEO: जानिए फिल्म 'पद्मावती' पर हंगामा क्यों बरपा है ?
इस फिल्म में दीपिका राजपूतनी रानी पद्मावती की भूमिका में हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग से मिल रहा समर्थन इस बात का प्रतीक है कि यह सिर्फ 'पद्मावती' के बारे में नहीं है, बल्कि यह फिल्म उद्योग एक बड़ी लड़ाई लड़ रहा है.
फिल्म में दीपिका मुख्य भूमिका में हैं. उन्हें एक ऐसा मौका मिला है, जो हर अभिनेत्री को करियर में नसीब नहीं हो पाता. उन्होंने कहा, "मैं इसके लिए बहुत खुश हूं."
आपको बता दें कि जिस सीन की वजह से विरोध हो रहा है उस पर फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली अपना पक्ष पहले ही रख चुके हैं. भंसाली ने कुछ दिनों पहले एक वीडियो संदेश के जरिए ये साफ किया है कि फिल्म में दीपिका यानि पद्मावती और रणवीर यानि अलाउद्दीन खिलजी के बीच को ड्रीम सीक्वेंस नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि इन दोनों सितारों ने कभी 'पद्मावती' की शूटिंग साथ भी नहीं की. इसके बावजूद भी ये विरोध नहीं थमने का नाम नहीं ले रहा है.