Talat Mahmood Birth Anniversary: 24 फरवरी 1924 के दिन लखनऊ में जन्मे तलत महमूद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायकों में से एक रहे. वह अपने माता-पिता की छठवीं संतान थे. तलत का जादू लोगों के सिर पर इस कदर चढ़कर बोलता था कि 50 और 60 के दशक में हर कोई उनकी आवाज का दीवाना था. उनकी आवाज इतनी मधुर थी कि उनके गाने आज भी लोगों के बीच मशहूर हैं. 


संगीत के लिए छोड़ दिया परिवार


तलत महमूद का जन्म रुढ़िवादी मुस्लिम परिवार में हुआ था. वहां गाना-बजाना खराब माना जाता था तो घर में तलत के शौक को तवज्जो ही नहीं मिलती थी. ऐसे में एक दौर ऐसा भी आया, जब उन्होंने फिल्मी दुनिया या परिवार में से किसी एक को चुनना पड़ा. उन्होंने परिवार को छोड़कर संगीत को चुना और करीब 10 साल तक अलग ही रहे. हालांकि, जब तलत मशहूर हुए तो परिवार ने उन्हें दोबारा अपना लिया.


महज छह रुपये में गाया पहला गाना


इसे जुनून ही कहा जाएगा कि जब तलत महज 15 साल के थे, उनका आवाज का जादू चारों तरफ फैलने लगा. उस वक्त वह ऑल इंडिया रेडियो के लखनऊ स्टेशन पर मीर तकी मीर, दाग देहलवी और जिगर मुरादाबादी की गजलें गाते थे. 1941 में तलत का पहला गैर-फिल्मी एल्बम रिलीज हुआ, जिसके लिए उन्हें महज छह रुपये मिले थे.


जब नौशाद के मुंह पर छोड़ा सिगरेट का धुआं


संगीत के फनकार तलत को एक बेहद खराब शौक भी था. दरअसल, वह सिगरेट पीने के आदी थे, जिससे संगीतकार नौशाद बेहद खफा रहते थे. नौशाद तो गायकों को रिकॉर्डिंग से पहले सिगरेट पीने से रोकते भी थे, लेकिन तलत भी मनमानी करने के लिए तैयार थे. एक दिन उन्होंने रिकॉर्डिंग से पहले न सिर्फ सिगरेट पी, बल्कि उसका धुआं भी नौशाद के मुंह पर छोड़ दिया. इस घटना के बाद नौशाद ने उनके साथ कभी काम नहीं किया. साथ ही, तलत के हाथ से फिल्म बैजू बावरा में गाने का मौका भी छिन गया.


एक्टिंग में भी आजमाया था हाथ


बेहद कम लोग यह बात जानते हैं कि तलत ने अभिनय में भी हाथ आजमाया था. उन्होंने करीब 15 हिंदी फिल्मों में नूतन, माला सिन्हा और सुरैया जैसी बड़ी अभिनेत्रियों के साथ स्क्रीन शेयर की. हालांकि, उन्हें कामयाबी नहीं मिली. बता दें कि तलत अपने गानों के बोल पर भी काफी ध्यान देते थे. अगर गाने में किसी भी तरह की अश्लीलता लगती तो वह गाना नहीं गाते थे.


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