नई दिल्ली: सिर्फ 20 साल की उम्र में मुंबई जैसे बड़े शहर में किसी लड़के के सर से उसके मां बाप का साया उठ जाना कितना दुख भरा होता होगा ये सोच पाना भी बेहद मुश्किल है. ये घटना किसी भी इंसान को उसके सपनों से दूर करने के लिए काफी है. लेकिन बॉलीवुड अभिनेता अरशद वारसी उन लोगों में से हैं, जिन्होंने अपनी मुश्किलों को ही अपनी ताकत में तब्दील कर लिया और अपने लिए एक नया मुकाम बनाया. अरशद वारसी को साल 2003 में आई फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से पहचान मिली मगर हिंदी सिनेमा में उनका सफर सालों पहले शुरू हुआ था. अपनी कॉमेडी से हंसाने वाले, गंभीर फिल्मों में गजब की अदाकारी से हिला कर रख देने वाले और कई फिल्मों में हीरो को भी दबाने वाले अभिनेता अरशद वारसी का आज 50वां जन्मदिन है.


सेल्समैन का काम कर चुके हैं अरशद


अरशद वारसी 19 अप्रैल 1968 को मुंबई के एक साधारण से परिवार में पैदा हुए. 14 साल की उम्र में मां बाप गुजर गए. ऐसे में पैसों की तंगी की वजह से सिर्फ 17 साल की उम्र में सेल्समैन का काम शुरू कर दिया. घर-घर जाकर कॉस्मेटिक्स बेचने लगे. अरशद ने सिर्फ 10वीं तक ही पढ़ाई की. उन्हें डांस का बहुत शौक था. उन दिनों मुंबई में अकबर सामी डांस ग्रुप का बड़ा नाम था. वहां से अरशद को डांस ग्रुप ज्वाइन करने का ऑफर मिला, फिर क्या था तभी से अरशद की जिंदगी सही पटरी पर आ गई.



साल 1987 में महेश भट्ट को किया असिस्ट


आज भले ही अरशद वारसी अपनी अदाकारी से पहचाने जाते हों, लेकिन बॉलीवुड में उनकी शुरुआत एक असिस्टेंट के तौर पर हुई थी. 1987 में आई फिल्म ‘ठिकाना’ और ‘काश’ में उन्होंने महेश भट्ट को असिस्ट किया था. इन दोनों फिल्मों में काम करने की वजह से अरशद ने हिंदी सिनेमा को काफी अच्छे से महसूस कर लिया था. वो बॉलीवुड की कई बारीकियों से वाकिफ हो गए थे.


इंडियन डांस कॉम्पिटिशन का खिताब जीती


अरशद वारसी के डांस का शौक तब रंग लाया जब उन्होंने साल 1991 में इंडियन डांस कॉम्पिटिशन का खिताब अपने नाम किया. इसके अगले ही साल उन्होंने लंदन में मॉडर्न जैज़ कैटेगरी के तहत वर्ल्ड डांस चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और इसमें उनको चौथा स्थान मिला. बाद में उन्होंने हिंदुस्तान आकर अपनी डांस एकेडमी ‘Awesome’ शुरू की.



अरशद वारसी ने साल 1993 में आई फिल्म ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ के टाइटल सॉन्ग को कोरियोग्राफ किया था.

अपनी हमसफर से यहां मिले थे अरशद

लंदन में जीते हुए पैसों से अरशद वारसी ने मुंबई में जो डांस एकेडमी खोली उसमें उन्होंने अपना एक डांस ग्रुप बनाया. इसी ग्रुप का हिस्सा बनी मारिया गोरेट्टी. मारिया मुंबई के सेंट एंड्र्यूज़ कॉलेज की छात्रा थीं. बाद में वो एक वीजे बनीं. मारिया और अरशद की पहली मुलाकात एक 'मल्हार फेस्टिवल' के दौरान हुई थी. अरशद इसमें जज के तौर पर शामिल हुए थे और मारिया इसमें महज एक कंटेस्टेंट थीं. अरशद ने शुरुआत में मारिया को अपने डांस ग्रुप का हिस्सा बनने का ऑफर दिया था. बाद में मारिया उनके डांस ग्रुप की लीड डांसर बन गई थी.



अरशद वारसी और मारिया गोरेट्टी ने 14 फरवरी 1999 को शादी कर ली. मारिया भी बॉलीवुड में किस्मत आजमा चुकी हैं. उन्होंने साल 1992 में आई सुपरहिट फिल्म ‘जो जीता वही सिकंदर’ में गेस्ट अपेयरेंस निभाया था. इसके अलावा ‘सलाम नमस्ते’ में भी मारिया कुछ देर के लिए नजर आई थीं. मारिया और अरशद के दो बच्चे हैं. बेटा ज़ेके वारसी और बेटी ज़ीनी जो वारसी.



अमिताभ बच्चन ने दी थी पहली फिल्म 


साल 1996 में अरशद वारसी ने बॉलीवुड में पहली फिल्म की. फिल्म का नाम था ‘तेरे मेरे सपने’. ये फिल्म अमिताभ बच्चन के प्रोडक्शन हाउस ए.बी.सी.एल के बैनर तले बनी थी. इस फिल्म के लिए अरशद को जया बच्चन ने रोल ऑफर किया था. फिल्म में चंद्रचूर सिंह, प्रिया गिल, सिमरन और प्राण जैसे कलाकार भी थे. अरशद की ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई. लेकिन इसके बाद 'हीरो हिंदुस्तानी', 'होगी प्यार की जीत' और 'जानी दुश्मन' जैसी कई फिल्में सिनेमाघरों में कुछ खास करने में कामयाब नहीं हो पाईं.


मुन्नाभाई एमबीबीएस’ बनी टर्निंग प्वाइंट


अरशद के फिल्मी करियर में राजकुमार हिरानी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘मुन्नाभाई एमबीबीएस' एक बड़ी टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म में उन्होंने ‘सर्किट’ का किरदार निभाया था. संजय दत्त फिल्म में मुन्ना बने थे. फिल्म में मुन्ना और सर्किट की जोड़ी सुपरहिट रही और तब से अरशद ने फिर कभी वापस मुड़कर नहीं देखा. इस फिल्म के लिए अरशद को फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेशन भी मिला था.



‘मुन्नाभाई एमबीबीएस’ के लिए तो अरशद फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने से चूक गए लेकिन, साल 2006 में आई फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में उन्होंने ये कसर भी पूरी कर ली. उन्हें इसके लिए बेस्ट परफॉर्मेंस इन अ कॉमिक रोल में फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला.


टीवी में भी छाए रहे अरशद


अरशद सिर्फ फिल्मों में ही नहीं बल्कि छोटे परदे पर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रहे. आज के दौर का सबसे बड़ा रिएलिटी शो यानि बिग बॉस के पहले सीजन के होस्ट कोई और नहीं बल्कि अरशद वारसी ही थे. बिग बॉस के अलावा उन्होंने स्टार गोल्ड पर आने वाले शो ‘सबसे फेवरेट कौन’ को भी होस्ट किया. साल 2010 में अरशद ‘जरा नचके दिखा’ में जज के तौर पर भी नजर आए.


सिर्फ कॉमेडी नहीं गंभीर फिल्मों में भी की अदाकारी


साल 2005 में अरशद वारसी ने फिल्म ‘सहर’ में काम किया. फिल्म में उन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई. सहर में अरशद ने वो कर दिखाया जो उनके अंदर शायद छुपा हुआ था. कबीर कौशिक के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं किया लेकिन अरशद अपनी अदाकारी से लोगों को बता चुके थे कि वो सिर्फ कॉमेडी ही नहीं करते बल्कि एक संपूर्ण कलाकार होने के सभी गुण उनमें मौजूद हैं.


'जॉली एलएलबी', 'इश्किया', 'डेढ़ इश्किया', 'जिला गाजियाबाद' और 'इरादा' जैसी फिल्मों में अरशद ने कमाल की एक्टिंग की. इन फिल्मों में उनकी अदाकारी की खूब सराहना की गई. आज अरशद का 50वां जन्मदिन है. हमारी तरफ से भी अरशद को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.