फिल्म- अंग्रेजी मीडियम


स्टारकास्ट - इरफान खान, राधिका मदान, दीपक डोबरियाल, पंकज त्रिपाठी, करीना कपूर खान, डिंपल कपाड़िया


निर्देशक - होमी अजदानिया


रेटिंग -  3.5 (***1/2)


इरफान खान अपनी यूनिक च्वाइसेस के लिए इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं. साल 2017 में आई इरफान खान की फिल्म हिंदी मीडियम ने सफलता की एक नई परिभाषा लिखी थी. अब इसी फिल्म की सीक्वल 'अंग्रेजी मीडियम' निर्देशक होमी अजदानिया लेकर आए हैं. इस फिल्म के जरिए इरफान खान अपनी बीमारी के बाद पहली बार कैमरे पर कमबैक कर रहे हैं.


कैंसर से चली लंबी जंग के बाद इरफान खान इस फिल्म में काम करते नजर आए हैं और उन्होंने एक बार फिर अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया है. इरफान खान एक ऐसे एक्टर हैं जिन्हें स्क्रीन पर देखना फैंस के लिए एक बेहद खास अनुभव रहता है. इरफान स्क्रीन पर अपनी प्रेसेंस से सबको अपान दिवाना बना ही लेते हैं. इरफान खान और राधिका मदान स्टारर ये फिल्म सिनेमाहॉल में तो 13 मार्च को ही रिलीज हो गई थी लेकिन लॉकडाउन के चलते ज्यादातक दर्शक सिनेमाहॉल्स तक पहुंच नहीं पाए थे. इसलिए अब इस फिल्म को OTT प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज किया गया है.


अब जब इरफान की ये फिल्म रिलीज होने को है तो हम आपके लिए इसका खास रिव्यू लेकर आए हैं. अगर आप भी फिल्म देखने का मन  बना रहे हैं तो पहले यहां जानें कैसी है इरफान खान की ये कमबैक फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम'.



उदयपुर से लंदन तक पहुंचे इरफान-राधिका


अंग्रेजी मीडियम पिता और बेटी के खूबसूरत रिश्ते पर बनी एक बेहद खूबसूरत फिल्म है. फिल्म में इरफान खान उदयपुर के एक हलवाई के किरदार में हैं जिसका नां चंपक बंसल है. चंपक बंसल मशहूर हलवाई घसीटाराम मिटाईवाले के पड़पोते हैं. घसीटाराम के नाम को लेकर पूरे परिवार में लड़ाई रहती है. इसमें चंपक बंसल को अपने चचेरे भाई गोपी बंसल (दीपक डोबरियाल) से इसे लेकर कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ती है.


नाम की इस  लड़ाई के साथ-साथ दोनों ही भाईयों में प्यार भी है और प्यार की इस कड़ी का नाम है तारिका बंसल (राधिका मदान). चंपक की पत्नी यानी की तारिका मां पढ़ने में बहुत अच्छी थी लेकिन अपनी दकियानूसी सोच के चलते चंपक ने उसे कभी पढ़ाई नहीं करने दी और इसी घुटन में वो इस दुनिया को छोड़कर चली गई. चंपक को इस बात का हमेशा मलाल रहा और वो इसी मलाल को दूर करने के लिए वो अपनी बेटी तारिका को अच्छी परवरिश और पढ़ाई करवाना चाहता है.



वहीं, तारिका का बचपन से ही सपना लंदन में जाने और वहां पढ़ाई करने का रहता है. बचपन से ही वो लंदन जाना चाहती है और बड़े होने पर उसके पास एक ऐसा मौका आ भी जाता है जिसके जरिए वो अपना सपना पूरा कर सके. तारिका के स्कूल में एक स्कॉलरशिप निकलती हैं जिसमें टॉप करने वाले तीन स्टूडेंट्स को लंदन में जाकर पढ़ने का मौका मिलेगा. तारिका इसके लिए पढ़ाई भी करती है और उसे वो स्कॉलरशिप भी मिल जाती है. स्कॉलरशिप मिलने के बाद भी तारिका लंदन पढ़ने नहीं जा पाती, जिसकी वजह उसके पिता की एक गलती होती है. अपनी इस गलती को लेकर चंपक बहुत शर्मिंदा है और वो हर हालत में अपनी बेटी को लंदन भेजना चाहता है. वो अपना सबकुछ दाव पर लगाकर उसे वहां एडमिशन दिलवाने की कोशिश करता है.


लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं होता है चंपक अपने भाई गोपी के साथ लंदन रवाना तो हो जाते हैं लेकिन वहां जाकर वो फंस जाते हैं एक क्राइम में. इसी दौरान उनकी मुलाकात होती है करीना कपूर खान से. इसके बाद कहानी में नया ट्विस्ट आता है और कहानी और मजेदार हो जाती है.



एक्टिंग है दमदार


फिल्म में एक से बढ़कर एक एक्टर को लिया गया है. ऐसे में सभी कलाकारों ने कैमरे पर इपने किरदारों के साथ पूरी तरह न्याय किया है. इरफान को ऑनस्क्रीन जब आप देखते हैं को आपको ये याद ही नहीं रहता कि वो इरफान खान हैं, आपको स्क्रीन पर सिर्फ चंपक बंसल ही नजर आते हैं. वहीं, इरफान की बेटी के किरदार में नजर आईं राधिका मदान ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें लगता था कि उनसे बेहतर ये किरदार कोई नहीं निभा सकता, और उन्होंने ये साबित भी किया है. इसके अलावा पंकज त्रिपाठी एक छोटे से रोल में दिखेंगे फिल्म में लेकिन उनकी मौजूदगी को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता. इसके अलावा दीपक डोबरियाल ने कमाल काम किया है, कीकू शारदा, डिंपल कपाड़िया ने भी फिल्म में मजेदार भूमिका निभाई है.


निर्देशन और स्क्रिप्ट


फिल्म का निर्देशक होमी अजदानिया इससे पहले कॉकटेल, फाइंडिंग फैनी और राब्ता जैसी फिल्में बना चुके हैं. अब होमी 'अंग्रेजी मीडियम' लेकर आए हैं. फिल्म की कहानी और इसकी स्क्रिप्टिंग की बात करें तो फिल्म थोड़ी कमजोर नजर आची है. यूं तो फिल्म में कॉमेडी, इमोशन, लव और बाप-बेटी के खूबरसूरत रिश्ते को बहुत अच्छे से दर्शाने की कोशिश की गई है. लेकिन इस सब के बावजूद पहले हाफ में कहानी को बहुत समय लगता है दर्शकों से जुड़ने में, हालांकि सेकेंड हाफ को बेहतर करने की कोशिश की गई है.



संगीत


फिल्म में बहुत ज्यादा गाने नहीं रखे गए हैं. पूरी फिल्म में बैकग्राउंड में 'एक जिंदड़ी' सुनाई देता है. इसके अलावा 'लाड़की' भी फिल्म में बार-बार सुनाई देता है. इस गाने को करीना कपूर खान पर फिल्माते हुए एक अलग नंबर के तौर पर भी रिलीज किया गया है. इसके अलावा एक प्रमोशनल सॉन्ग 'कुड़ी नू नचने' दे भी दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है.


कैसी है फिल्म?




  • इरफान खान की ज्यादातर फिल्मों की तरह ये भी एक फैमिली फिल्म है. जिसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं. फिल्म में इरफान खान को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझने के बाद एक बार फिर स्क्रीन पर देखना उत्साहित करने वाला है.

  • राधिका मदान और इरफान खान की कैमेस्ट्री फैंस को काफी पसंद आएगी. फिल्म में पिता और बेटी के खूबसूरत रिश्ते को दिखाया गया है.

  • फिल्म में एक साथ कई बेहद मंझे हुए कलाकार नजर आएंगे. जो आपको फिल्म में बार-बार गुदगुदाते नजर आएंगे.

  • करीना कपूर खान फिल्म में एक खास भूमिका में नजर आती हैं. इसमें वो एक स्ट्रॉन्ग इंडीपेंडेट वुमेन के किरदार में हैं.

  • फिल्म में जायदाद के बंटवारे से लेकर बच्चों का पेरेंट्स से अलग होना और बेटियों को पढ़ाने तक कई अहम संदेश देने की कोशिश की गई है.


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