मुंबई: हिंदी सिनेमा में कॉमन मेन की छवि गढ़ने वाले अमोल पालेकर का आज जन्मदिन है. हिंदी सिने प्रेमियों के बीच उनकी छवि एक ऐसे अभिनेता की है जो तड़क-भड़क से दूर सिल्बर स्क्रीन पर ऐसे किरदारों को जीवंत कर देते हैं जिसमें देश का आम इंसान अपने आप को पाता है. अमोल पालेकर ने बॉलीबुड के उस दौर में कदम रखा जब राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन का जादू लोगों पर सिर चढ़कर बोल रहा था. यह दौर 70 के दशक था. हिंदी सिनेमा के इन दो शेरों के बीच अमोल पालेकर ने जब दहाड़ मारी तो सिने प्रेमियों ने उनके इस हौंसले को खूब सराहा.


24 नवंबर 1944 को मुंबई में जन्में अमोल पालेकर फिल्मों में नहीं आना चाहते थे. पढ़ाई में अव्वल आने वाले अमोल पालेकर को पेटिंग का शौक था जिसकी उन्होने बकायदा प्रशिक्षण भी ली थी. जीवन की जरूरतों को पूरे करने के लिए उन्होंने बैंक में क्लर्क की नौकरी. उनकी बहन की सहेली थीं चित्रा जो बाद में उनकी पत्नी बनीं. चित्रा को थियेटर का शौक था. अमोल पालेकर उनके साथ थियेटर जाने लगे और समय के साथ उन्हें थियेटर पसंद आने लगा. थियेटर का ये दौर था जब बड़ी-बड़ी हस्तियां थियेटर देखने जाया करते थे.


अभिनय से लोगों को किया प्रभावित


ऋषिकेश मुखर्जी, बासु चटर्जी जैसे दिग्गज निर्देशक उनके नाटकों को देखने आया करते थे. सत्यदेव दुबे रंगममंच की दुनिया के बड़े नाम थे. सत्यदेव ने अमोल पालेकर को अभिनय के लिए प्रेरित किया. मराठी नाटकों से अमाले पालेकर के अभिनय पारी शुरू हुई. 1971 में रिलीज हुई सत्यदेव दुबे की मराठी फिल्म 'शांतता कोर्ट चालू आहे' से अमोल पालेकर ने फिल्मों में कदम रखा. पहली फिल्म में ही उन्होंने अभिनय क्षमता से लोगों को प्रभावित किया.


बासु चटर्जी की 'रजनीगंधा' उनकी पहली फिल्म थी जो 1974 में पर्दे पर आई. इसमें उनकी हीरोइन विद्या सिन्हा थी. यह फिल्म हिट साबित हुई. बॉलीबुड में उनके साधारण स्टाइल को खूब पसंद किया गया. फिल्मों में उन्होंने हर तरह के किरदार निभाए. 'भूमिका' में उन्होंने विलेन का रोल किया जबकि इस फिल्म के लिए उन्हें हीरो का रोल भी ऑफर किया गया था.


अनेक फिल्मों में कर चुके हैं काम 


अमोल पालेकर 'चितचोर', 'घरौंदा', 'मेरी बीवी की शादी', 'बातों बातों में', 'गोलमाल', 'नरम-गरम', 'श्रीमान-श्रीमती' जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में बतौर हीरो नजर आए. आज की नई पीढ़ी उन्हें गोलमाल में निभाए यादगार किरदार के रूप में जानती है. 'गोलमाल' 1981 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में उन्होंने रामप्रसाद दशरथप्रसाद शर्मा और लक्ष्मणप्रसाद दशरथ प्रसाद शर्मा का जो किरदार निभाया है वह हिंदी सिनेमा में अमर हो गया. यह फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई. इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्रदान किया गया.


अभिनय के साथ-साथ उन्होंने फिल्मों का निर्देशन भी किया. फिल्म 'पहेली' में उनके हीरो शाहरुख खान थे. उनकी फिल्म 'दायरा' की भी खूब चर्चा हुई. अमोल पालेकर देश के उन चुनिंदा कलाकारों में हैं जिन्होंने हिंदी सिनेमा को एक नई दिशा प्रदान की. उनकी फिल्में स्वस्थ्य मनोरंजन का सबसे अच्छा माध्यम मानी जाती हैं. इंटरनेट के युग में उनकी 'गोलमाल' फिल्म आज भी सबसे अधिक देखी जाने वाली हिंदी फिल्मों में से एक है.


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