नई दिल्ली: करगिल युद्ध में एक पायलट के तौर पर हिस्सा लेनी वाली स्कॉवड्रन लीडर, गुंजन सक्सेना पर बनी फिल्म, 'गुंजन सक्सेना: द करगिल-गर्ल' को लेकर वायुसेना ने आपत्ति दर्ज कराई है. वायुसेना ने सेंसर बोर्ड को पत्र लिखकर फिल्म को दी गई एनओसी रद्द करने की मांग की है.


जानकारी के मुताबिक, वायुसेना ने पत्र लिखकर सेंसर बोर्ड से फिल्म को लेकर आपत्ति जताई है. पत्र में लिखा गया है कि फिल्म में वायुसेना का निगेटिव-चित्रण किया गया है‌, जबकि फिल्म निर्माता ने वादा किया था कि इसके जरिए युवाओं को वायुसेना में शामिल होने की प्रेरणा मिलेगी.


आपको बता दें कि स्कॉवड्रन लीडर गुंजन सक्सेना उन चंद महिला पायलट में से एक थीं, जो बतौर हेलीकॉप्टर पायलट वायुसेना में शामिल हुई थीं. करगिल युद्ध के दौरान वे चीता लाइट ट्रासंपोर्ट हेलीकॉप्टर फ्लाई करती थीं और युद्ध के मैदान में सैनिकों के लिए राशन और दूसरा सामान सप्लाई करती थीं. इसके अलावा वे कॉम्बेट ज़ोन से घायल सैनिकों को निकालकर अस्पताल पहुंचाने का काम करती थीं.


करगिल युद्ध के वक्त गुंजन सक्सेना फ्लाईट लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात थीं और सात साल अपनी सेवाएं देने के बाद स्कॉवड्रन लीडर के पद से उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया था. उनके पति भी वायुसेना के अधिकारी रह चुके हैं.


लेकिन फिल्म में दिखाया गया है कि उन्हें पुरूष-प्रधान वायुसेना में अपना मुकाम हासिल करने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी. इसी को लेकर भारतीय वायुसेना को आपत्ति है. दरअसल, देश में वायुसेना ही पहली ऐसी फोर्स है, जिसने महिलाओं को कॉम्बेट रोल दिया है, यानी युद्ध के मैदान मे लड़ने का मौका दिया है.


वायुसेना के मुताबिक, फिल्म के निर्माता और प्रोडक्शन हाउस, नेटफ्लिक्स और धर्मा प्रोडक्शन को फिल्म के कुछ हिस्सों को हटाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन आपत्तियों को फिल्म में नजरअंदाज कर दिया गया है. फिल्म आज ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही है.


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