90 के दशक की मशहूर अदाकारा दिव्या भारती की आज 46वीं जयंती है. दिव्या भले इस दुनिया में नहीं हैं मगर उनकी यादें आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है. उन्होंने बहुत कम उम्र में ही बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली. शोहरत के शिखर पर पहुंचने के लिए उनको बहुत ज्यादा संघर्ष नहीं करने पड़े.


कई हिट फिल्में देने के बाद अचानक एक दिन मुंबई में दिव्या की रहस्मयी परिस्थिति में अपार्टमेंट से गिरकर मौत हो जाती है. आखिर ये मौत कैसे हुई, क्या ये प्लान मर्डर था ? साजिश थी या सुसाइड ? अभी भी इन सवालों से पर्दा उठना बाकी है. हम दिव्या के फैंस के लिए इस मौके पर उनसे जुड़ी कुछ यादें शेयर कर रहे हैं.


90 के दशक में 'दीवाना', 'दिल का क्या कसूर', 'शोला और शबनम' जैसी सफल फिल्में देने के बाद दिव्या अपने प्रशंसकों के दिलों पर राज करने लगीं. अपनी मंझी हुई अदाकारी की बदौलत दिव्या ने मात्र 19 साल की उम्र में ही बॉलीवुड में धमाल मचा दिया.



हालांकि कहने वाले तो ये भी कहते हैं कि उन्होंने 14 साल की उम्र से ही फिल्मों के लिए काम करना शुरू कर दिया था. उन्हें बॉलीवुड में एंट्री से पहले दक्षिण भारत की फिल्म में ब्रेक मिला. 16 साल की उम्र में उन्होंने तेलुगू फिल्म 'बोबीली' से करियर का आगाज किया. फिल्म कामयाब साबित हुई. उसके बाद दिव्या भारती के कदम बॉलीवुड की तरफ पड़े. यहां उन्होंने कई शानदार और यादगार फिल्में की.


दिव्या की 'दिवाना' 'विश्वात्मा' 'दिवाना', 'दिल तो है', 'शोला और शबनम' के अलावा 'दिल का क्या कसूर' जैसी फिल्में सुपर हिट साबित हुईं. 'दिवाना' के लिए उन्हें बेस्ट फीमेल का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला. दिव्या की अदाकारी के जौहर की चर्चा देश भर में होने लगी. अपने कैरियर के दो साल में ही उन्होंने 14 फिल्मों में अदाकारी की.


'शोला और शबनम' के बाद उन्होंने फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला से 10 मई 1992 को शादी कर ली. साजिद के साथ शादी के बंधन में बंधने के बाद  उन्होंने ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया. उनकी आखिरी फिल्म 'क्षत्रिय' थी. फिल्म के रिलीज के एक सप्ताह बाद ही उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी. 'रंग' और 'शतरंज' उनकी मौत के बाद रुपहले पर्दे पर आई.


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