बॉलीवुड के दिग्गज, राइटर, डायेक्टर और संगीतकार गुलजा़र का असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है. गुलज़ार ने अपनी कलम की ताकत से हिंदी सिनेमा में बड़ा मुकाम हासिल किया है. अपने सदाबहार नग्मों से करोड़ों दिलों पर राज करने वाले गुलज़ार ने हर किस्म के गाने लिखे हैं. लेकिन कम ही लोग ये बात जानते हैं कि उन्हें फिल्मों के लिए गाने लिखना ज्यादा पसंद नहीं था. शायरी ही गुलज़ार का पहला प्यार है. जब उन्होंने फिल्मों के लिए पहला गाना लिखा उस वक्त वो बहुत ज्यादा एक्साइटेड नहीं थे. लेकिन मौका मिलता रहा और वो लिखते रहे.



अपने करियर के अलावा गुलज़ार पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी सुर्खियों में रहे. गुलजार ने 70 के दशक की मशहूर एक्ट्रेस राखी से शादी की थी मगर दोनों की शादी लंबे वक्त तक चल नहीं पाई. आपसी मतभेद के कारण गुलज़ार और राखी ने तलाक ले लिया जिसके बाद गुलज़ार ने अपने अकेलेपन को अपने गीतों और शायरी से भर दिया.



गुलज़ार ने फिल्मों की कहानी ही नहीं लिखी बल्कि 'मेरे अपने' 'आंधी', 'मौसम' 'कोशिश', 'खुशबू', 'अंगूर', 'लिबास' 'माचिस' और हू तू तू जैसी शानदार फिल्मों को डायरेक्ट भी किया. उनके कुछ बेहतरीन डायलॉग्स आज भी लोगों को मुंह जुबानी याद हैं जिनमें, फिल्म 'नमक हराम' का
'जीने की आरजू में मरे जा रहे हैं लोग, मरने की आरजू में जीए जा रहा हूं मैं.' जैसे कई सुपरहिट डायलॉग्स शामिल हैं.