Arvind Akela Kallu Enemies tried to shot him at the age of 10: चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने वाले अरविंद अकेला कल्लू बचपन से ही काफी फेमस हैं. अरविंद अकेला कल्लू ने बहुत कम वक्त में फिल्मी दुनिया में काम करना शुरू कर दिया था. बहुत कम उम्र में भोजपुरी सिनेमा में कदम रखने के बाद भी अरविंद अकेला कल्लू को वह पापुलैरिटी हासिल हुई थी जो बड़े-बड़े सितारों का आज तक नहीं हो पाई है. अरविंद अकेला कल्लू (Arvind Akela kallu) ने बचपन से ही शोहरत का स्वाद चखा हुआ है, लेकिन इस शोहरत के साथ अरविंद अकेला कल्लू को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है. क्या आप जानते हैं मात्र 10 साल की उम्र में अरविंद अकेला कल्लू को जान से मारने की कोशिश की गई थी.

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जी हां अरविंद अकेला कल्लू 10 साल की उम्र में दुश्मनों की गोली का शिकार बन चुके हैं. ऊपर वाले की मेहरबानी की वजह से अरविंद अकेला कल्लू को वह गोली उनके पैर पर लगी थी जिसकी वजह से उनकी जान बच गई थी. इस बात का खुलासा अरविंद अकेला कल्लू ने खुद आज तक को दिए गए एक इंटरव्यू में किया था. 9 साल की उम्र में अपने सुपरहिट गाने 'मुर्गा मोबाइल' से छाने वाले अरविंद अकेला कल्लू को दर्शकों को प्यार तो मिला लेकिन बढ़ रहे दुश्मनों को देख जान की चिंता भी सताने लगी थी.

कल्लू ने भोजपुरी सिनेमा पर होने वाले विवादों को लेकर भी अपनी राय दर्शकों के सामने रखी थी अरविंद अकेला कल्लू ने भोजपुरी सिनेमा में चल रहे विवादों पर भी सफाई देते हुए कहा था कि लोग एक दूसरे पर टिप्पणी बहुत करते हैं. 10 साल की उम्र में जब मुझे गोली लगी थी तो मुझे काफी तकलीफ हुई थी. उस वक्त मैं सोचता था कि मैंने लोगों का ऐसा क्या बुरा किया है जो मुझे पैर पर गोली मारी गई... मैं जितना हो सके उतना इन विवादों से दूर रहने की कोशिश करता हूं.

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