दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया जंगपुरा विधानसभा सीट से हार गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें 600 वोटों से हराया है. तरविंदर सिंह 2022 में बीजेपी में शामिल हुए थे, उससे पहले वह तीन बार जंगपुरा से कांग्रेस के विधायक रहे. 

कांग्रेस सरकार के दौरान वह पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव थे. उन्हें एक समय पर शीला दीक्षित का बेहद करीबी माना जाता था. तरविंदर सिंह 1998 से 2013 तक लगातार तीन बार जंगपुरा के विधायक रहे. तरविंदर सिंह की उम्र 64 साल है. चुनावी हलफनामे के अनुसार वह करीब 50 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. इसमें 13 करोड़ के चल संपत्ति है, जबकि 36.7 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है. उन पर 13.7 करोड़ रुपये के देनदारी भी है. 

कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें शीला दीक्षित का करीबी माना जाता था. तरविंदर सिंह 2008 में मंत्री पद की रेस में भी थे, लेकिन अरविंदर सिंह की वजह से उन्हें कुर्सी नहीं मिल सकी और 2013 में वह आप के मनिंदर सिंह धीर से हार गए थे. 2020 के विधानसभा चुनाव में भी तरविंदर सिंह कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे थे, लेकिन वह 15 हजार वोटों से हार गए. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया और बीजेपी में आ गए. बीजेपी में शामिल होते वक्त उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी की कार्य प्रणाली की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि वहां ईमानदारी से काम करने वालों को नजरअंदाज किया जाता है.

तरविंदर सिंह मारवाह ने पूरे चुनाव में शराब और बाहरी को मुख्य मुद्दा बनाया. तरविंद मारवाह का कहना था कि जो शख्स पटपड़गंज की जनता को छोड़ सकते हैं वह समय आने पर आपको भी छोड़ देंगे. उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान मनीष सिसोदिया को सलाह दी थी कि वह यहां से न लड़ें वरना वह अपना सिक्योरिटी डिपॉजिट भी नहीं ले पाएंगे. आप ने इस बार जंगपुरा से तीन बार के विधायक प्रवीन कुमार की जगह मनीष सिसोदिया को उतारने का फैसला किया था. इससे पहले मनीष सिसोदिया 2013 से 2024 तक पटपड़गंज विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते रहे थे. 2020 में उन्होंने बहुत कम वोटों के मार्जिन से चुनाव जीता था.  

 

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