UP Assembly Elections 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले योगी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे से बीजेपी परेशान है. इस्तीफे के बाद मौर्य के समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के साथ खड़े होने की तस्वीर ने बीजेपी की चिंता और गहरा दी है, इसीलिए डैमेज कंट्रोल के लिए लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मंथन चल रहा है. इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्या के BJP से इस्तीफा देने की इनसाइड स्टोरी सामने आई है. जानिए.


इस्तीफा देने की इनसाइड स्टोरी क्या है?


बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्या के बीजेपी से जाने के पीछे की इनसाइड स्टोरी ये है कि स्वामी प्रसाद मौर्य चाहते थे कि उनके साथ 2017 में आए सभी विधायकों के टिकट रिपीट किए जाए. साथ ही दो अन्य नामों को वह आगे बढ़ा रहे थे कि उन्हें भी टिकट दिया जाए. जिसे बीजेपी ने मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि उनमें से कई ऐसे विधायक हैं, जो सर्वे में चुनाव हार रहे थे.


समर्थक के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस कराना चाहते थे मौर्या- सूत्र


ऐसे में बीजेपी ने टिकट देने से इनकार किया था. इसके अलावा उनके एक समर्थक पर कुछ मुकदमे भी थे, जिसे वह खत्म कर आना चाहते थे. लेकिन आचार संहिता लगने से पहले वह खत्म नहीं हो पाए और उन्हें आश्वासन दिया गया कि चुनाव के बाद इसे कर दिया जाएगा. पिछले एक हफ्ते से लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य और बीजेपी नेताओं के बीच बातचीत चल रही थी, लेकिन मौर्या नहीं माने.


बता दें कि मौर्या के इस्तीफे के बाद बीजेपी अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने का जिम्मा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सौंपा है. केशव प्रसाद मौर्य इस्तीफा देने वाले दूसरे असंतुष्ट विधायकों को भी मनाने में जुटे है. यही नहीं, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन महामंत्री सुनील बंसल को भी इस काम में लगाया गया है. आज मंत्री दारा सिंह चौहान को दिल्ली बुलाया गया है. सूत्रों के मुताबिक शीर्ष नेताओं से उनकी बातचीत हो सकती है.


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