Uttar Pradesh Assembly Election 2022 Latest News: उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ राज्य के मंत्रियों और भाजपा विधायकों द्वारा लगाए जा रहे “दलित विरोधी” होने के आरोपों के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को यहां एक दलित परिवार के साथ भोजन करने के बाद कहा कि वंशवाद और परिवारवाद की राजनीति करने वाले समाजिक न्याय के समर्थक नहीं हो सकते. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मकर संक्रांति के अवसर पर दलित अमृत लाल के घर ‘समता भोज’ के तहत खिचड़ी खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया .


सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा, “भ्रष्टाचार जिनके जीन का हिस्सा हो वह सामाजिक न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकते. सामाजिक न्याय यही है बिना भेदभाव के समाज के प्रत्येक तबके को शासन की योजना का लाभ मिले, उनके साथ सामाजिक और आर्थिक भेदभाव न हो.” उन्होंने कहा, “उप्र में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार के पूरे पांच साल के कार्यकाल में कुल 18,000 घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को दिए गए, जबकि वर्तमान भाजपा सरकार ने योजना के तहत गरीबों और वंचितों को 45 लाख घर दिए हैं. हमारे लिए यह सामाजिक न्याय हैं.”


ये भी पढ़ें- Budget Session 2022: दो चरणों में होगा संसद का बजट सत्र, 31 जनवरी से शुरू होगा, 8 अप्रैल तक चलेगा


पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग गरीबों का हक छीनते थे, डकैती डालते थे, पेशेवर अपराधियों को अपना शार्गिद बनाते थे जब वह पेशेवर माफिया और अपराधी प्रदेश के अंदर गरीबों के मकानों पर कब्जा करते थे, दलितों की बस्तियों पर कब्जा करते थे, बुलडोजर चलाते थे, उनकी जमीनों को जबरदस्ती हड़पने का काम करते थे तब इन लोगों के मुंह से आवाज नहीं निकलती थी.”


मुख्यमंत्री ने कहा, “हम जब विपक्ष में थे, तब भी लड़ाई लड़ते थे और आज अपराध मुक्त प्रदेश बनाकर सबको सुरक्षा और सबको विकास के साथ जोड़ने का काम किया हैं. ‘सबका साथ सबका विकास’ का मंत्र ही सामाजिक न्याय का सही मंत्र हैं.”


ये भी पढ़ें- UP Election से पहले BJP को लगे झटके के बीच बोले योगी सरकार के मंत्री, इस देश के सबसे बड़े OBC नेता हैं पीएम मोदी


गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी तथा पार्टी के पांच अन्य विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इन सभी ने योगी सरकार पर दलितों और पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया हैं.