UP Assembly Election 2022: यूपी के सहारनपुर जिले का देवबंद इस्लामिक शिक्षा के संस्थान दारुल उलूम की वजह से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, देवबंद सीट पर  मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है. बावजूद उसके यहां का जाति समीकरण बेहद दिलचस्प है क्योंकि यहां पर इसी समीकरण पर उम्मीदवार की जीत निश्चित होती है. देवबंद में इस बार कौन चखेगा जीत का मज़ा यह देखना बेहद अहम होगा. देवबंद में जिस तरह से बीजेपी ने अपने मौजूदा विधायक बृजेश सिंह, समाजवादी से कार्तिक राणा को टिकट दिया और यह दोनों ही कैंडिडेट गैर मुस्लिम है और टक्कर दोनों के बीच काफी कड़ी मानी जा रही है. हालांकि दोनों  के मुकाबले में AIMIM ने देवबंद में दमदख रखने वाले मदनी परिवार के उमैर मदनी को टिकट दे दिया है.


देवबंद मुस्लिम बहुमूल्य इलाक़ा है और यहां मुसलमानों की संख्या ज़्यादा है हालांकि चुनाव में जीत की बात करे तो यहां जाति समीकरण भी देखना ज़रूरी हो जाता है. देवबंद विधानसभा सीट पर जातियों की संख्या देखी जाए तो लगभग इस तरह है कि यहां ठाकुर- 57 हजार, गुर्जर- 30 हजार, ब्राह्मण- 35 हजार, दलित- 65 हजार, मुस्लिम- 90 हजार, अन्य- 49500 हैं. सबसे ज़्यादा यहाँ मुस्लिम वोट है और यहाँ के मुस्लिम समुदाय के लोग क्या सोचते है और क्या है इस समुदाय के बीच चुनावी मुद्दे इसको जानने के लिए हम देवबन्द के सबसे पुराने कुतुबखाने यानी किताबो की दुकान पर पुहंचे , यह वह जगह है जहाँ देवबन्द दारुल उलूम के पास ... देखते ही देखते यहाँ कई लोग मजूद हो गए है हमने सबसे बात की. इस बातचीत में देवबन्द के मुस्लिम बुजुर्ग और युवा दोनों जुड़े जिन्होंने चुनावी मुद्दे , ग्राउंड रियलिटी, मुस्लिम वोट बैंक पर जवाब दिए.


देवबंद के व्यापारी वर्ग के पास पुहंची टीम


आपको बता दे कि इस के बाद एबीपी न्यूज़ की टीम देवबंद के व्यापारी वर्ग के पास पुहंची, यह वह वर्ग है जिसने अपनी मुद्दे और चुनाव में व्यापारियों के रुझान से रूबरू कराया. व्यापारियों ने अपने मुद्दे उठाए और इस बार देवबन्द में चुनाव में बीजेपी को आगे बताते हुए व्यापारियों का मत बीजेपी की तरफ होने का इशारा किया. उन्होंने कहा कि व्यापारी सुरक्षा चाहता है, उसे योगी सरकार में भयमुक्त और अपराध मुक्त समाज मिला है. देवबंद में कोई इंडस्ट्री नही लगी है, ये एक बड़ी कमी है, किसी सरकार ने इसपर ध्यान नही दिया. हम चाहते हैं की ये सरकार रिपीट करे, हम सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. कैराना में व्यापारियों का पलायन हुआ, हम नही चाहते कि यहां भी ऐसा हो.


AIMIM ने उमैर मदनी को मैदान में उतार दिया है


इस पूरी ग्राउंड रिपोर्ट में क्या मुस्लिम वोट इस सीट से एक तरफ रहेगा और योगी के 80-20 फैक्टर को टक्कर देगा क्योंकि AIMIM ने देवबन्द से मदनी परिवार के उमैर मदनी को मैदान में उतार दिया है, आपको बता दे कि उमैर मदनी मसूद मदनी के बेटे है. पहली बार चुनाव में उतरे है और पहली बार सियासत से रूबरू हुए है हालांकि इन के पिता मसूद मदनी पूर्व मंत्री रह चुके है. 


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