37 सालों बाद यूपी में सत्ता बरकरार रख कर बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. चुनाव योगी आदित्यनाथ के चेहरे और पीएम नरेन्द्र मोदी की इमेज पर लड़ा गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास फिर से चुनाव प्रबंधन की ज़िम्मेदारी रही. बीजेपी के महासचिव से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक शाह यूपी में चुनाव लड़वाते रहे हैं. पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान की भी बड़ी भूमिका रही है. नड्डा तो पहले भी यूपी के प्रभारी रह चुके हैं, लेकिन प्रधान के लिए ये पहला अनुभव था. यूपी बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में स्वतंत्र देव सिंह ने भी सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाए रखा. इसके साथ ही सुनील बंसल की अगुवाई में एक टीम दिन रात जुटी रही.


सुनील बंसल
पूरे चुनाव की कमान सुनील बंसल के हाथ में रही. वह परदे के पीछे से पार्टी संगठन को सक्रिय करने के साथ ही कमियों का आंकलन कर उसे दूर करने का काम उनके नेतृत्व में संगठन की टीम ने किया. असल में उत्तर प्रदेश में बीजेपी को जीत का चौका दिलाने वाले बंसल ने हर उस बारीकी को समझा और परखा जिससे बीजेपी को लाभ मिले. उनकी योजनाएं जमीन पर उतरी जिसका लाभ सीधे तौर पर मिला. इस बार उनके ही सुझाव पर पहली बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा स्तर पर महिला प्रवासी और विस्तारकों को जिम्मेदारी दी गई. जिन्होंने केवल महिला वोटर्स को बीजेपी के पक्ष में वोट के लिए निकालने का काम किया. यह नया प्रयोग सफल रहा जिसे बीजेपी अब देश के अन्य चुनावों में भी लागू करने जा रही है.


जेपीएस राठौर
चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी महामंत्री जेपीएस राठौर और उनकी टीम ने निभाई. प्रत्याशियों से समन्वय, चुनाव आयोग से संबंधित काम और डेटा के आधार पर जरूरतों का आंकलन कर कमियों को दूर कर चुनावी मैदान में बीजेपी के लिए मजबूत आधार बनाया. बूथ प्रबंधन का भी काम बखूबी इस टीम ने किया. अरुण कान्त और अशोक दुबे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.


गोविंद शुक्ला
सभी 403 विधानसभाओं में प्रचार सामग्री, पीएम की रैलियों में भी प्रचार सामग्री, आउटडोर एडवरटाइजिंग का पूरा काम महामंत्री गोविंद शुक्ल की टीम ने किया.


अनूप गुप्ता
प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने पीएम की वर्चुअल और बाद में प्रत्यक्ष रैलियों के पूरे प्रबंधन का जिम्मा देखा. इनकी टीम की सक्रियता से पीएम के सफल कार्यक्रमों के माध्यम से बीजेपी के पक्ष में माहौल बना.


त्रयंबक त्रिपाठी
पार्टी के राष्ट्रीय और प्रादेशिक स्तर के नेताओं की रैलियों और रोड शो के प्रबंधन का पूरा जिम्मा प्रदेश मंत्री त्रयंबक त्रिपाठी की टीम ने देखा. कहां किस नेता की रैली लाभकारी होगी इसका डेटा चुनाव प्रबंधन की टीम से लेकर उन्होंने धुंआधार रैलियों का बेहतर प्रबंधन किया. इनके साथ ज्ञान ओझा, कीर्तिवर्धन सिंह और पीयूष मिश्र प्रमुख रूप से रहे.


मनीष दीक्षित
मीडिया विभाग के इंचार्ज मनीष दीक्षित इनके साथ सह प्रमुख हिमांशु दीक्षित ने प्रदेश में बने 8 मीडिया सेंटर्स का प्रबंधन देखा. पार्टी नेताओं की प्रेस कांफ्रेनसेज और विपक्षियों की कमजोरियों को उजागर करने का काम किया. इनके कुशल मीडिया प्रबंधन के चलते बीजेपी लोगों के बीच माहौल बनाने में कामयाब रही.


अंकुश त्रिपाठी
मीडिया विभाग से ही जुड़े अंकुश त्रिपाठी मीडिया प्रफेशनल रहे इस नाते विशेष रूप से उनके जिम्मे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और डिजिटल मीडिया पर पैनी नजर रखी. मीडिया प्रबंधन में लगी टीम से समन्वय कर नेताओं की प्रतिक्रिया के लिए कंटेंट का काम इनके पास रहा.


अंकित चंदेल
सोशल मीडिया से भाजपा की उपलब्धियों का प्रचार और विपक्ष पर हमले की रणनीति सोशल मीडिया प्रभारी अंकित चंदेल ने देखी.


कामेश्वर मिश्र
पीएम की और अन्य नेताओं की वर्चुअल रैलियों का संचालन और नियमित होने वाली वर्चुअल मीटिंग्स का पूरा प्रबंधन आईटी सेल के इंचार्ज रहे कामेश्वर मिश्र ने किया. 


चुनाव के दौरान चलने वाले विशेष अभियान के संबंध में कार्य प्रदेश मंत्री अर्चना मिश्रा ने किया, इसमें महिला ओबीसी सहित अन्य संपर्क अभियान भी चले.


प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने विस्तारक योजना व मन की बात के कार्यक्रम के माध्यम से कार्य किया. शिवकुमार पाठक ने प्रवासी कार्यकर्ताओं व विधानसभा प्रवासियों के समन्वय का कार्य किया. अतिथि प्रोटोकॉल से लेकर मुख्यालय से संबंधित तमाम व्यवस्थाओं का कार्य मुख्यालय प्रभारी भारत दीक्षित के नेतृत्व में हुआ, जिसमें सह प्रभारी लक्ष्मण चौधरी और अतुल अवस्थी की भूमिका रही.


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