नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 6 मई को मतदान होना है. पार्टियां और उनके स्टार कैंपेनर्स अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. इसी कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी के लिए वोट मांगने अमेठी पहुंचे थे. बता दें पांचवें चरण के लिए चुनाव प्रचार थम गया है. अमेठी में स्मृति का मुकाबला राहुल गांधी से हैं.
शाह ने कहा कि पहली बार अमेठी के लोगों को लग रहा है कि यहां भी विकास संभव है. गांधी परिवार के सदस्यों को इतने साल के लिए अपना प्रतिनिधि बनाने के बाद भी, बहुत से गांव ऐसे थे जिनमें बिजली नहीं थी. मोदी जी के आने के बाद ही उन्हें बिजली मिली.
शाह रामलीला मैदान से रथ पर सवार होकर निकले और इस दौरान उनके साथ स्मृति ईरानी भी मौजूद रहीं. रोडशो के दौरान रास्ते भर उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया. रामलीला मैदान से शुरू हुए रोड शो में बीजेपी महासचिव अनिल जैन, प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, सुरेश पासी भी मौजूद रहे. इस दौरान उमड़ी भीड़ के बीच बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 'अब की बार अमेठी हमार' और 'फिर एक बार मोदी सरकार' के नारे लगाए.लोगों को संबाधित करते हुए उन्होंने कहा, "अमेठी के लोगों को मोदी जी पर भरोसा है, भारी भीड़ इस बात का प्रमाण है कि बीजेपी इस चुनाव में यहां से जीत रही है. परिणाम के बाद विपक्ष कोई भी दावा करना बंद कर देगा, बीजेपी भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.''
अमित शाह ने रोड शो के जरिये केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लिए माहौल तैयार किया. शाह लोगों से स्मृति को वोट देकर जिताने की अपील भी की.
लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश की अमेठी सीट सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में एक है. इस सीट पर कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए एकबार फिर मोदी कैबिनेट में मंत्री स्मृति ईरानी चुनौती बनकर सामने होंगी. स्मृति ने साल 2014 के चुनाव में राहुल को कड़ी टक्कर दी थी हालांकि वह जीत नहीं पाई थी. इस बार वह साल 2014 में जो कमी रह गई थी उसे पूरा करने की कोशिश करेंगी.
2014 में अमेठी में राहुल गांधी को दी चुनौती
स्मृति ईरानी को साल 2014 में अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ उतारा गया. हालांकि स्मृति लोकसभा चुनाव तो हार गईं लेकिन उन्होंने राहुल गांधी को कड़ी चुनौती दी. 2014 लोकसभा इलेक्शन में राहुल गांधी ने अमेठी से बीजेपी की स्मृति ईरानी को 1.07 लाख वोटों से हराया था. राहुल की यह जीत 2009 के मुकाबले बेहद छोटी थी. 2009 में राहुल 3.70 लाख वोटों के अंतर से जीते थे.
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