उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दल लगातार घोषणाएं कर रहे हैं. इस बार कई पार्टियों ने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया है. कांग्रेस ने तो महिलाओं के लिए एक अलग से घोषणा पत्र ही जारी कर दिया है. इसके अलावा कांग्रेस का वादा है कि चुनाव में वो 50 फीसदी टिकट महिलाओं को देगी. कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों में आरक्षण के दायरे में रहते हुए 40 फीसदी पद महिलाओं से भरने का वादा किया है. आइए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की स्थिति क्या है.


लोकसभा में सबसे अधिक सांलद भेजता है उत्तर प्रदेश 


देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश संसद में सबसे अधिक सांसद भी भेजता है. उत्तर प्रदेश से लोकसभा के लिए 80 सांसद चुने जाते हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 11 महिला सांसद चुनी गई हैं. इनमें से सबसे अधिक 8 महिला सांसद बीजेपी के टिकट पर चुनी गई हैं. कांग्रेस, बसपा और अपना दल से 1-1 महिलाएं लोकसभा के लिए चुनी गई हैं.  


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वहीं संसद के ऊपरी सदन राज्य सभा में इस समय उत्तर प्रदेश से चुनी गई 4 सदस्य हैं. ये सभी महिलाएं बीजेपी के टिकट पर चुनी गई हैं. वहीं प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में 44 महिला विधायक हैं. इनमें से 37 अकेले बीजेपी के टिकट पर चुनी गई हैं. वहीं कांग्रेस, सपा और बसपा के टिकट पर 2-2 महिलाएं चुनी गई हैं. इसी तरह 100 सदस्यों वाले विधान परिषद में से केवल 3 महिलाएं ही सदस्य हैं. इनमें समाजवादी पार्टी की 2 और बीजेपी की एक सदस्य शामिल हैं. 


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इस तरह उत्तर प्रदेश से चुने गए लोकसभा सांसदों में केवल 11 फीसदी ही महिलाएं हैं. वहीं राज्य सभा में 13 फीसदी, विधानसभा में 11 फीसदी और विधान परिषद में केवल 3 फीसदी महिलाएं ही चुनी गई हैं.