हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019: टिकट बंटवारे के बाद हरियाणा में कांग्रेस की मुश्किलों और बढ़ गई हैं. टिकट नहीं मिलने के बाद पूर्व वित्त मंत्री और दिग्गज नेता संपत्त सिंह ने कुलदीप बिश्नोई को निशाने पर ले लिया है. संपत्त सिंह का आरोप है कि कुलदीप बिश्नोई की वजह से कांग्रेस ने उन्हें नलवा से अपना उम्मीदवार नहीं बनाया है.


पहले से ही गुटबाजी की मार झेल रही कांग्रेस के लिए दिग्गज नेताओं की ये लड़ाई किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है. 2009 में नलवा से विधायक रहे संपत्त सिंह ने कहा है उन्हें टिकट ना मिलने देने में कुलदीप बिश्नोई ने बड़ी भूमिका निभाई है. नलवा सीट पर कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई के करीबी रणधीर पनीहार को अपना उम्मीदवार बनाया है.


पुरानी है कुलदीप और संपत्त की लड़ाई


2009 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले संपत्त सिंह इनेलो से नाता तोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे. 2009 के विधानसभा चुनाव में संपत्त सिंह को कांग्रेस ने नलवा से अपना उम्मीदवार बनाया. इस सीट पर संपत्त सिंह का मुकाबला कुलदीप बिश्नोई की मां जसमा देवी से था और वह इस जीत हासिल करने में कामयाब रहे.


2014 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने संपत्त सिंह को नलवा सीट से टिकट दिया था. वहीं कुलदीप बिश्नोई ने नलवा सीट पर अपने भाई और पूर्व उप मुख्यमंत्री चंद्रमोहन पर दांव लगाया था. हालांकि 2014 में इन दोनों को हार का सामना करना पड़ा और नलवा से इनेलो उम्मीदवार रणबीर सिंह गंगवा जीत हासिल करने में कामयाब रहे. रणबीर सिंह गंगवा अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर ही अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.


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