Punjab Assembly Elections 2022: पंजाब के दो बार मुख्यमंत्री रहे और पंजाब लोक कांग्रेस के सुप्रीमो अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) का मानना है कि विधानसभा चुनाव में किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ उनकी पार्टी के गठबंधन की स्थिति मजबूत हो रही है.


पटियाला के शाही परिवार के वंशज और कांग्रेस की राज्य इकाई के पूर्व प्रमुख 79 वर्षीय अमरिंदर सिंह ने पिछले साल पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने अलग दल का गठन किया था. सिंह ने कहा कि वह तो रिटायर हुए हैं और ही थके हैं. पंजाब और देश को और बेहतर बनाने की आकांक्षा इस उम्र में भी उन्हें काम करते रहने की ऊर्जा देती है.


सिंह ने कहा, ‘‘मैं सेवानिवृत्त होने के लिए तैयार नहीं हूं. मैं अपने लोगों के लिए काम करना चाहता हूं. मैं नौवीं बार चुनाव लड़ रहा हूं... मैं संसद में दो बार और विधानसभा में छह बार चुना गया हूं.’’


इस बार चतुष्कोणीय या पंचकोणीय मुकाबला होगा


अमरिंदर सिंह नेपीटीआई-भाषाको दिए इंटरव्यू में पंजाब चुनाव परिदृश्य को लेकर कहा कि इस बार चतुष्कोणीय या पंचकोणीय मुकाबला होगा और इसके अलावा कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. बहुकोणीय मुकाबले के कारण मतदाताओं के लिए फैसला करना आसान हो जाएगा, जहां तक राजनीतिक दलों का सवाल है, तो जब तक वे वाकई बेहतरीन प्रदर्शन नहीं करते, उनके लिए यह मुकाबला मुश्किल होने वाला है. उनमें से कई 10 या 15 से अधिक सीट हासिल नहीं पाएंगे. मुझे नहीं लगता कि किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत मिलेगा. लोगआप’ (आम आदमी पार्टी) की बात करते हैं. मुझे लगता किआपदिन--दिन नीचे की ओर जा रही है. इसी प्रकार कांग्रेस का प्रदर्शन भी गिर रहा है. ईश्वर की कृपा से हम ऊपर की ओर जा रहे हैं.


कांग्रेस द्वारा चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने और उनके दलित समुदाय से संबंधित होने पर सिंह ने कहा कि लोगों को किसी जाति या समुदाय के लिए मतदान नहीं करना चाहिए, बल्कि क्षमता के आधार पर वोट देना चाहिए. सिंह ने कहा, ‘‘मुझे जाति और समुदाय की इस तरह की बातें पसंद नहीं है. आजादी के 75 साल बाद हमें जाति के आधार पर नहीं, बल्कि क्षमता के आधार पर मतदान करना चाहिए. जहां तक क्षमता की बात है, तो उनका (चन्नी का) स्तर मंत्रिपद के लिए उचित है, मुख्यमंत्री पद के लिए नहीं. उनका रिटर्न करोड़ों रुपए में हैं, लेकिन वह दावा कर रहे हैं कि वह एक गरीब व्यक्ति हैं.’’


BJP के साथ अपने गठबंधन पर क्या बोले अमरिंदर


अमरिंदर सिंह ने बीजेपी के साथ अपने गठबंधन पर कहा कि उन्होंने पंजाब की बेहतरी और सुरक्षा के लिए पार्टी के साथ हाथ मिलाया है और जहां तक मुख्यमंत्री पद के चेहरे की बात है, तो इस पर चुनाव के बाद फैसला किया जा सकता है. राज्य की 600 किलोमीटर की सीमा पाकिस्तान के साथ लगती है और इसमें ऐसे लोगों की जरूरत है, जो संवेदनशील हों और राज्य में विकास का नया युग आरंभ कर सकें.


गठबंधन के तहत बीजेपी 65, पंजाब लोक कांग्रेस 37 और सुखदेव सिंह ढींढसा के नेतृत्व वाला शिअद (संयुक्त) दल 15 सीट पर चुनाव लड़ेगा. पंजाब की 117 विधानसभा सीट के लिए मतदान 20 फरवरी को होगा.


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