Meghalaya Govt Formation: मेघालय की राजनीति में दिलचस्प सियासी मोड़ आ गया है, जिसके बाद कोनराड संगमा की सरकार बनाने की राह मुश्किल होती नजर आ रही है. कोनराड संगमा की नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) को समर्थन देने वाली स्थानीय पार्टी के दो विधायकों ने सरकार बनाने का समर्थन दिया था लेकिन कुछ ही देर में पार्टी ने समर्थन से इनकार कर दिया.


शुक्रवार (3 मार्च) को कोनराड संगमा ने राज्य के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. एनपीपी नेता ने राज्य के 32 विधायकों के समर्थन का हस्ताक्षरित पत्र राज्यपाल को सौंपा था. राज्य की 60 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 31 विधायकों की जरूरत है.


दिन में समर्थन, शाम को वापस
संगमा ने जिन 32 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा था उसमें एनपीपी के 26 विधायक, बीजेपी के 2, हिल स्टेट पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) के 2 और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे. पत्र सौंपने के बाद कोनराड संगमा ने कहा था कि हमारे पास पूर्ण बहुमत है. बीजेपी ने पहले ही अपना सपोर्ट दिया है. कुछ दूसरों ने भी अपना समर्थन हमें सौंपा है. 


शुक्रवार दिन में समर्थन पत्र सौंपने के कुछ ही देर बाद  देर शाम को एचएसपीडीपी ने एक पत्र से सियासी तस्वीर बदल गई. इस पत्र में एचएसपीडीपी ने कहा कि उसने अपने विधायकों को एनपीपी के नेतृत्व वाली सरकार गठन को समर्थन देने के लिए अधिकृत नहीं किया है.


संगमा को लिखा पत्र
HT की रिपोर्ट के मुताबिक एचएसपीडीपी के अध्यक्ष केपी पांगनियांग और सचिव पनबोरलंग रिनथियांग ने एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा को लिखे पत्र में कहा है कि "एचएसपीडीपी ने आपकी सरकार के गठन के लिए समर्थन देने के लिए दो विधायकों-मेथोडियस डखार और शाक्लियर वारजरी को अधिकृत नहीं किया. पार्टी (एचएसपीडीपी) की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है और इसलिए आपकी पार्टी से अपना समर्थन वापस लेती है, जो आज (शुक्रवार) से ही प्रभावी होगा." इसकी एक प्रति राज्यपाल को भी भेजी है.


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