Digvijay Singh vs Scindia: मध्यप्रदेश की राजनीति में राजा महाराजा की अदावत कोई नई बात नहीं है. इतिहास की किताबों में पढ़ा है कि किसी महाराजा के आगे जब छोटे-छोटे राजा सामंत विरोध की आवाज उठाते थे तो महाराज समर्थक सामंतों की सेनाएं उन राजाओं को कुचलने चल पड़ती थीं. राजशाही के इतिहास की ये लड़ाइयां हम इस लोकतंत्र के जमाने में भी देख रहे हैं. हाल का दिग्विजय-सिंधिया विवाद इस रोशनी में देखें तो समझ आएगा कि इन सारी लड़ाइयों की जड़ में वही सत्ता होती है जो कभी किसी के पास तो कभी किसी के पास होती है. 


दोनों के बीच विवाद उठा उज्जैन से जहां पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए बैठक करने गए थे. दिग्विजय बैठक के बाद पत्रकारों के सामने आए तो ये चर्चित बयान दे बैठे 'हे प्रभु हे महाकाल दूसरे ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में पैदा ना हों.' सवाल यही था कि आप सरकार बनाते तो हो मगर आपके विधायक आपका साथ छोड़कर भाग जाते हैं. इस पर दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम पर भगवान महाकाल से ये अजीब सी मांग कर दी. 


ज्योतिरादित्य सिंधिया 


बस फिर क्या था सोशल मीडिया पर दिग्विजय सिंह का बयान वायरल होते ही फिर भला ज्योतिरादित्य सिंधिया क्यों पीछे रहते. उन्होंने तुरंत दिग्विजय सिंह को ट्विटर पर जवाब दिया और कहा, 'हे प्रभु, हे महाकाल, दिग्विजय सिंह जैसा देश विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाधार फिर भारत में पैदा ना हो.'


छोटे बड़े सभी सामंत सक्रिय हुए 


दरअसल, राजा और महाराजा की इस तीखी जुमलेबाजी के पीछे 2018 में पंद्रह साल बाद आई कांग्रेस सरकार की पंद्रह महीने में हुई वापसी की कसक छिपी हुई है. तब सिंधिया अपने समर्थक 23 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके थे और कमलनाथ सरकार गुजरे जमाने की बात हो गई थी. 


अब कांग्रेस के नेता फिर जनता के सामने जा रहे हैं और मीडिया उनसे यही सवाल बार-बार पूछ रहा है कि सरकार बनेगी तो चलाओगे कैसे, आपके विधायक भाग जाते हैं और बिक जाते हैं. मीडिया को जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह भगवान महाकाल को याद कर दुआ मांगने लगते हैं. इसके बाद फिर जैसा कि होता है महाराजा पर राजा का हमला हुआ तो महाराजा के छोटे बड़े सभी सामंत सक्रिय हो गए.


महेंद्र सिंह सिसोदिया का बयान


शुरुआत की दिग्विजय के इलाके गुना के ठाकुर नेता महेंद्र सिंह सिसोदिया ने. महेंद्र सिंह कमलनाथ सरकार में श्रम मंत्री थे, तो अब शिवराज सरकार में पंचायत मंत्री है. सिसोदिया ने छतरपुर में कहा, हे तीनों लोकों के स्वामी, हे महाकाल, दिग्विजय सिंह जैसे व्यक्ति को जिसने कांग्रेस और मध्यप्रदेश का बंटाधार कर दिया उनको अगले जन्म में पाकिस्तान में पैदा करना. 


तुलसी सिलावट का तंज


फिर इस सीन में मंत्री सिंधिया के दूसरे सामंत जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट की एंट्री हुई. तुलसी सिलावट ने पाकिस्तान से भी आगे निकलते हुए कहा, हे प्रभु, हे महाकाल, इन दिग्विजय सिंह को जो ऐसी वैसी बातें करते रहते हैं... उनको अगले जन्म भारत में नहीं चीन में पैदा करना. 


पाकिस्तान के बाद चीन की एंट्री


मध्यप्रदेश में अब पाकिस्तान से होते हुए बात चीन तक पहुंच गई है. मगर, सिंधिया के समर्थन में अभी बड़ा बयान आना बाकी था. अगले ही दिन मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हुए और वो बोले सिंधिया गद्दार नहीं खुद्दार हैं... कांग्रेस में रहते तो कितना अपमान सहते चुनाव लड़ा सिंधिया के नाम पर और मुख्यमंत्री बना दिया बुजुर्ग कमलनाथ को. कांग्रेस में ओछेपन और छोटेपन की होड़ लगी है. हर नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए ऐसा बयान दे रहा है. 


शिवराज सिंह का अगला तीर तैयार रहता


दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के सबसे बड़े हितग्राही तो शिवराज सिंह हैं. इसलिए उनका बयान आना लाजिमी था, क्योंकि वो इन दिनों कांग्रेस पर ज्यादा आक्रामक हैं. कांग्रेस और कमलनाथ पर वो रोज एक सवाल का तीर छोड़ते हैं भले ही कांग्रेस का जवाब सवाल के तौर पर आता हो. मगर अगले दिन शिवराज सिंह का अगला तीर तैयार रहता है. 


यहीं पैदा हुआ हूं यहीं पर मरूंगा- दिग्विजय 


बीजेपी के एक साथ हुए हमलों से दिग्विजय बेफिक्र ही दिखे. दिग्विजय से आगर में जब पत्रकारों ने पूछा कि बीजेपी के लोग उनको अगले जन्म में पाकिस्तान और चीन भेज रहे हैं, तो उनका जवाब था मैं कहीं नहीं जाने वाला... यहीं रहकर उनकी छाती पर मूंग दलूंगा, यहीं पैदा हुआ हूं यहीं पर मरूंगा.


बीजेपी-कांग्रेस के लिये आसान नहीं चुनाव 


यह तो साफ है कि मध्यप्रदेश में छह महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के लिए ये चुनाव आसान नहीं होंगे. दोनों दलों के बीच फिर कांटे का मुकाबला होना तय है. पिछले चुनाव में ही दोनों पार्टियों के वोट प्रतिशत में आधे अंक का ही फर्क था, इसलिये बड़े-बड़े नेताओं के बीच ऐसी हल्की बयान बाजी लगातार सामने आ रही है. ये बयानबाजियां पहले नहीं देखी गईं. हालांकि बयानबाजी फिलहाल मतदाताओं का मनोरंजन कर रही है मगर वोटर का मन बनाने में ये बयान जरूर काम आएंगे. यह बात नेता जानते हैं इसलिए दोनों तरफ से बयानों के तीखे तीर चल रहे हैं.


मगर, दिग्विजय और सिंधिया के बीच में महाकाल के आने से उज्जैन के पंडा पुजारी नाराज हो गए हैं. उनका कहना है राजनीतिक बयानों में भगवान महाकाल को खींचना महाकाल का अपमान करना है. सुन रहे हैं दिग्विजय सिंह और सिंधिया जी...


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