Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस आने के लिए कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले खूब जनसभाएं कर रही है. पार्टी के सीनियर नेता लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं. इसी कड़ी में शनिवार (30 सितंबर) को राहुल गांधी मध्य प्रदेश के शाजापुर में एक रैली में पहुंचे. यहां उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार पर जमकर हमला किया.


उन्होंने कहा, "यह विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ गांधी तो दूसरी तरफ गोडसे हैं. एक तरफ नफरत, हिंसा और अहंकार है तो दूसरी तरफ मोहब्बत और भाईचारा है. उन्होंने इस दौरान मीडिया की भी चुटकी ली. उन्होंने कहा कि प्रेस वाले हमारी मीटिंग नहीं दिखाएंगे."


'मध्य प्रदेश बन चुका है करप्शन का केंद्र'


उन्होंने बेजीपी और मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, "ये जहां भी ये जाते हैं वहां नफरत फैलाते हैं. अब मध्य प्रदेश का युवा और किसान इनसे ही नफरत करने लगा है. इन्होंने जो जनता के साथ किया है अब वही चीज जनता इनके साथ कर रही है. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हम यहां हर वर्ग के लोगों से मिले. सबने यही कहा कि मध्य प्रदेश हिंदुस्तान में भ्रष्टाचार का केंद्र बन चुका है. जितना करप्शन बीजेपी वालों ने यहां किया है उतना पूरे देश में कहीं नहीं किया है. ये लोग बच्चों के स्कूल के फंड से लेकर महाकाल कॉरिडोर तक में पैसे खा गए. व्यापम घोटाले में करोड़ों लोगों को नुकसान पहुंचाया."


'अडानी को बचाने के लिए मेरी सदस्यता खत्म की'


राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "संसद में मैंने अडानी जी की बात उठाई. जैसे ही भाषण दिया वैसे ही बीजेपी ने मेरी लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी. अडानी जी की रक्षा करने के लिए मेरी लोकसभा की सदस्यता खत्म कर दी गई. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मैं सच्चाई बोलता हूं."


उन्होंने कहा देश के सामने एक सच्चाई अडानी जी हैं. पोर्ट देख लीजिए, एयरपोर्ट देख लीजिए, इन्फ्रास्ट्रक्चर देख लीजिए, हर सेक्टर में अडानी ही नजर आएंगे. अडानी किसानों के जेब में से रोज पैसा निकालते हैं.


'मीडिया वाले हमें नहीं दिखाते'


उन्होंने मीडिया पर हमला बोलते हुए कहा कि मीडिया वाले 24 घंटे मोदी जी को दिखाएंगे, शिवराज सिंह को दिखाएंगे, पर हमें बिल्कुल नहीं दिखाएंगे. इसकी वजह ये है कि इनका रिमोट कंट्रोल अडानी के हाथ में है.


महिला आरक्षण की कमियों पर घेरा


उन्होंने कहा कि एक और सच्चाई है जो अडानी से भी बड़ी है. कुछ दिन पहले बीजेपी ने महिला आरक्षण की बात की. महिला आरक्षण में हमने एक सवाल उठाया, लेकिन बीजेपी ने कोई जवाब नहीं दिया. हमने दो चीजें कहीं, हमने कहा ये अच्छा है और इसे करना चाहिए, लेकिन इसमें आपने दो छोटी लाइनें लिख रखी हैं उसे मिटाइए. एक लाइन है महिला आरक्षण लागू करने से पहले सर्वे करने की जरूरत है. दूसरी लाइन महिला आरक्षण लागू करने से पहले हमें जो जनगणना और परिसीमन करना है. इन दोनों वजहों से महिला आरक्षण 10 साल बाद लागू होगा. हमने सवाल पूछा कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है. राहुल ने आगे कहा नरेंद्र मोदी जी आप कहते हैं कि ओबीसी के लिए काम करते हैं, उनके नेता हैं तो आपने महिला आरक्षण के अंदर ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं किया.


ओबीसी के हक के लिए उठाई आवाज


उन्होंने कहा नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बीजेपी में ओबीसी के एमपी और एमएलए हैं. तो आपसे कहना चाहूंगा कि कांग्रेस के तीन चीफ मिनिस्टर ओबीसी हैं, हमारी चार सरकारे हैं. आप संसद में चले जाइए और बीजेपी के विधायक और एमपी से पूछ लीजिए कि कानून बनाने से पहले आपसे कुछ पूछा जाता है क्या. वे कहेंगे हमसे नहीं पूछा जाता. कानून आरएसएस वाले बनाते हैं.


90 अफसर कानून बनाते हैं, देश चलाते हैं. यही लोग सारी चीजें तय करते हैं. बीजेपी की 10 साल से सरकार है 90 अफसर सरकार चला रहे हैं. इन 90 अफसरों में से ओबीसी कितने हैं. ओबीसी की आबादी कितनी है अभी यही नहीं पता, ऐसा इसलिए क्योंकि जातिगत जनगणना नहीं हुई है. इनकी आबादी करीब पचास पर्सेंट है और 90 में से सिर्फ तीन अफसर ही ओबीसी हैं. तीन साल पहले तो एक भी ओबीसी अफसर नहीं थे.


जातिगत जनगणना पर दिया जोर


उन्होंने अपने भाषण में जातिगत जनगणना पर भी जोड़ दिया. उन्होंने बार-बार ओबीसी की सही आबादी का पता न होने की बात कहते हुए कहा कि अब वह समय आ गया है जब हमें हिंदुस्तान का एक्सरे करना है. ये पता लगाना है कि ओबीसी की आबादी कितनी है. हमारी सरकार आई तो पहला काम ये करके दिखाएंगे.


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