First Chief Election Commissioner of India: भारत को अंग्रेजी हुकूमत से साल 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली और देश ने 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया. देश 19 अप्रैल 2024 से 18वीं लोकसभा के लिए वोट डालेगा. क्या आपने कभी सोचा है की दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे और उन्होंने देश में पहले चुनाव संपन्न कराने में क्या योगदान दिया था? एबीपी न्यूज़ के स्पेशल सेगमेंट इलेक्शन ज्ञान में आज हम आपको इस विषय के बारे में बताएंगे.


पश्चिम बंगाल के सुकुमार सेन आजाद भारत के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे. इन्होंने संविधान लागू होने के बाद 26 मार्च 1950 को यह पदभार संभाला था और वह 19 दिसम्बर 1958 तक इस पद पर बने रहे. देश के पहले शुरुआती चुनाव इन्हीं के नेतृत्व में कराए गए थे. इनकी कुशल कार्यशैली के लिए भारत सरकार ने सुकुमार सेन को साल 1954 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया था. 


सुकुमार सेन ने ही गढ़ा था देश का 'चुनावी तंत्र'


सुकुमार सेन देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार तब संभाला था, जब देश में कोई चुनाव ढांच स्थापित नहीं था. देश ने उन्ही के कुशल नेतृत्व में अपने पहले लोकसभा चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच देख थे. सुकुमार सेन के सामने उस वक्त बहुतेरी चुनौतियां थी, इसके बावजूद उन्होंने कुशलतापूर्वक चुनाव संपन्न कराये थे. 


'कांग्रेस' ने मारी थी देश के पहले चुनाव में बाजी 


आजाद भारत के पहले लोकसभा चुनाव साल 1951 से 1952 के बीच कराए गए थे. चुनाव करने में देश को दो साल इसलिए लगे थे, क्योंकि उस वक्त देश में चुनावी ढांचा तैयार नहीं था. तब देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन ने देश के चुनावी तंत्र को मजबूत किया था, इसलिए उनको चुनावी तंत्र गढ़ने का भी श्रेय दिया जाता है. पहले लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 489 सीटों में से 364 सीटों पर धमाकेदार जीत दर्ज की थी. 


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