Cancellation of Nomination Papers: चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 की चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. जिसके बाद देशभर में 7 चरणों में चुनाव कराए जाने के लिए चुनाव आयोग चुनाव संबंधी तैयारियों में जुट गया है. लोकसभा चुनाव का पहला चरण 19 अप्रैल को शुरू होगा तो आखिरी चरण की वोटिंग 1 जून को होगी और 4 जून 2024 को देश की 18वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे. इसी बीच आपके मन में भी एक सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये चुनाव आयोग किन वजहों से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार का नामांकन पत्र रद्द कर सकता है. इसी विषय पर इलेक्शन गाइड सीरीज की इस खास रिपोर्ट में समझिए नामांकन रद्द होने की प्रमुख वजह. 


क्या कहते हैं नए नियम?


भारत निर्वाचन आयोग ने नामांकन भरने के नए नियमों में फॉर्म-26 में बड़े बदलाव किए है. नए नियमों के अनुसार अब प्रत्याशी से उसके सोशल मीडिया हैंडल्स की भी जानकारी मांगी जाती है. इसके साथ ही साथ अब प्रत्याशियों से उनके नाम संपत्ति के ब्योरे समेत उनकी पत्नी और बच्चों के नाम संपत्ति का भी ब्यौरा मांगा जाने लगा है. कोर्ट में चल रहे किसी केस या एफआईआर की भी जानकारी आयोग को देनी होती है. अगर, प्रत्याशी इनमे से किसी भी जानकारी में कुछ छुपाता है या जानकारी नहीं साझा करता है तो उसका नामांकन रद्द हो सकता है. चुनाव आयोग नामांकन पत्र के साथ गलत जानकारी साझा करने पर उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द कर चुनाव लड़ने से भी रोक सकता है.


प्रस्तावकों की कम संख्या भी बन सकती है वजह


नामांकन पत्र में फॉर्म 26 काफी अहमियत रखता है, इसके रद्द होने की कई वजहें हो सकती है. कई बार प्रत्याशी चुनाव आयोग के साथ फॉर्म-26 में आवश्यक जानकारियां नहीं साझा करते है. इस सूरत में भी आयोग उमीदवार का नामांकन पत्र कैंसिल कर सकता है. कई बार तो उम्मीदवार के पास जरुरी संख्या में प्रस्तावक भी मौजूद नहीं होतें है, तो कभी आरक्षित सीट पर प्रूफ न दे पाने के अभाव में भी नामांकन रद्द हो जाता है. वैसे आमतौर पर नामांकन की आखिरी तारीख में समय रहने पर आयोग गलतियां सुधरने का भी मौका चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को देता है. 


आम लोग कर सकते हैं गलत जानकारी पर अपील


चुनाव आयोग प्रत्याशी के फॉर्म-26 जमा करने के 24 घंटे बाद ही उसे पब्लिक डोमेन में अपलोड कर देता है. जिसके बाद आम नागरिक प्रत्याशी की सारी जानकारी देख सकते हैं और उम्मीदवार के जरिए साझा किसी भी गलत जानकारी पर आयोग से सीधे अपील कर सकते हैं. चुनाव आयोग एजुकेशन, प्रॉपर्टी, एफआईआर, कोर्ट केस आदि की जानकारियों को अपनी तरफ से परखता है. किसी भी उम्मीदवार का नामांकन सिर्फ उसी सूरत में रद्द हो सकता है जब वो चुनाव आयोग के साथ अधूरी या भ्रामक जानकारी साझा करे.