Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के छह चरणों चरण का मतदान खत्म हो चुका है. ऐसे में एक सीट को लेकर काफी चर्चा है, वो सीट है डुमरियागंज. इस सीट को लेकर चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि इस सीट पर चंद्रशेखर आजाद की पार्टी भी काफी एक्टिव रही है. दरअसल, नगीना लोकसभा सीट को लेकर अखिलेश यादव और चंद्रशेखर के बीच ठन गई थी.


आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने डुमरियागंज लोकसभा सीट पर काफी चुनाव प्रचार किया है. चूंकि, यहां से असपा के कैंडिंडेट चौधरी अमर सिंह हैं, जो कि क्षेत्र में काफी एक्टिव हैं और पूर्व विधायक भी रह चुके हैं. इस बीच वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि इस सीट पर कांटे की लड़ाई बीजेपी और सपा के बीच है लेकिन, बसपा से ज्यादा मजबूती से आजाद समाज पार्टी डुमरियागंज सीट पर उभरकर आई है. वहीं, आजाद समाज पार्टी ने इस सीट पर काफी बढ़त बनाई है.


क्या समाजवादी पार्टी को इस सीट पर होगा नुकसान?


डुमरियागंज लोकसभा सीट से आजाद समाज पार्टी इसलिए मजबूत हैं क्योंकि, इस सीट से असपा के उम्मीदवार चौधरी अमर सिंह हैं. ये कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. इसके अलावा वे विधायक भी रह चुके हैं साथ ही आजाद समाज पार्टी में चौधरी अमर सिंह का कद राष्ट्रीय सचिव का है.


यूपी तक के मुताबिक, चंद्रशेखर आजाद का डुमरियागंज सीट पर कई दिनों तक प्रवास रहा है. उन्होंने इस सीट पर काफी चुनाव प्रचार किया है. ऐसे में इस सीट पर जो दलित समुदाय का जो यूथ है वो चंद्रशेखर आजाद को काफी मानता है. इसके अलावा कुर्मी बिरादरी का वोट भी सपा और भाजपा से खिसकता हुआ नजर आया है.


अखिलेश-चंद्रशेखर आजाद के बीच क्यों हुआ विवाद?


सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव चाहते थे कि चंद्रशेखर आजाद सपा से सिंबल पर चुनाव लड़ें. मगर, चंद्रशेखर अपनी ही पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ना चाहते थे. जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद भड़क गए. उन्होंने अकेले ही नगीना लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया था. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि वे पश्चिमी यूपी की उन सीटों पर भी अपने प्रत्याशी उतारेंगे जहां उनकी पार्टी बेहतर स्थिति में हैं.  


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